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Pakistan: कोरोना महामारी के बीच पाकिस्तान को मिला एक और झटका, FATF की तरफ से आई बुरी खबर

Bad News Pakistan: भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव(Anurag Shrivastav) ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान ने, आतंक के वित्त पोषण को रोकने के लिए ‘फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) द्वारा निर्देशित 27 कार्रवाई बिंदुओं में से 21 पर ही काम किया है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान की आर्थिक हालत तो पहले से खराब थी ही लेकिन अब कोरोना महामारी के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कमजोर हो चुकी है। ऐसे में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने भी बड़ा झटका दे दिया है। हालांकि इमरान खान को इस बड़े झटके की उम्मीद नहीं थी और ना पाकिस्तान इस हालत में है कि वो FATF की इस बुरी खबर का सामना कर सके। आपको बता दें कि FATF ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए पाकिस्‍तान को अभी भी ग्रे लिस्‍ट में रखने का फैसला किया है। दरअसल, इमरान खान (Imran Khan) एफएटीएफ के 27 लक्ष्यों में से छह का अनुपालन करने में असफल रहे हैं। ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को इन 27 लक्ष्यों का अनुपालन करना आवश्यक था लेकिन इमरान खान ऐसा नहीं कर सके। आपको बता दें कि जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला था और तब से ही पाकिस्तान लाख कोशिशों के बावजूद इससे बाहर नहीं निकल पा रहा।

Imran Khan

बता दें कि उस समय पाकिस्‍तान को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 प्‍वाइंट्स की कार्य योजना को 2019 के अंत तक लागू करने का आदेश दिया गया था। हालांकि कोरोना वायरस को देखते हुए समय सीमा को बढ़ा दिया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि जिन जनादेशों में पाकिस्तान विफल रहा है, उनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख अजहर, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सीड और संगठन के ऑपरेशनल कमांडर जहूर रहमान लखवी जैसे सभी संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है।

इसको लेकर एक अधिकारी ने कहा, एफएटीएफ ने इस तथ्य पर जोर दिया है कि उसके एंटी टेररिज्म एक्ट की अनुसूची IV के तहत 7,600 की मूल सूची से 4,000 से अधिक आतंकवादियों के नाम अचानक गायब हो गए थे। इन परिस्थितियों में, यह लगभग तय है कि पाकिस्तान FATF ग्रे सूची में ही रहेगा।

FATF

पाकिस्तान के सुधार वाली कार्रवाई को लेकर दुनिया के 4 बड़े देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी इस्लामाबाद की अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं थे। यही वजह है कि पाकिस्‍तान ग्रे लिस्‍ट में बरकरार है। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान ने, आतंक के वित्त पोषण को रोकने के लिए ‘फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) द्वारा निर्देशित 27 कार्रवाई बिंदुओं में से 21 पर ही काम किया है।