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Bangladesh Frivolous Accusation On India: बांग्लादेश का भारत विरोधी एक और प्रपंच, बिना किसी सबूत के लोगों को गायब कराने का लगाया आरोप

Bangladesh Frivolous Accusation On India: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से भारत विरोधी गतिविधियां और उल-जुलूल आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक जांच आयोग का है। इस जांच आयोग ने बिना किसी सबूत के झूठा आरोप लगाया है कि शेख हसीना की सरकार के दौर में बांग्लादेश से लोगों को जबरन गायब कराने में भारत का हाथ हो सकता है।

ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से भारत विरोधी गतिविधियां और उल-जुलूल आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक जांच आयोग का है। इस जांच आयोग ने बिना किसी सबूत के झूठा आरोप लगाया है कि शेख हसीना की सरकार के दौर में बांग्लादेश से लोगों को जबरन गायब कराने में भारत का हाथ हो सकता है। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मैनुल इस्लाम चौधरी की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय आयोग ने कहा है कि कानून का प्रवर्तन कराने वाली एजेंसियों ने लगातार कहा कि कुछ बंदी अब भी भारत की जेल में हो सकते हैं। इसके लिए संबंधित मंत्रालयों से अनुरोध है कि वे भारत की जेलों में बंद बांग्लादेश के नागरिकों की पहचान की पूरी कोशिश करें।

आयोग ने कहा है कि बांग्लादेश के बाहर गिरफ्तार नागरिकों के बारे में पता करना उसके लिए संभव नहीं है। इस आयोग के सदस्य सज्जाद हुसैन ने बांग्लादेश की न्यूज एजेंसी बीएसएस से कहा कि बिना कानूनी प्रक्रिया के लापता लोगों के बारे में 1676 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 758 की जांच की गई है। इनमें से 200 ऐसे मामले हैं, जिनमें लोगों को या तो गिरफ्तार दिखाया गया है या वे अपने घर वापस नहीं लौटे हैं। बांग्लादेश के आयोग के इस उल-जुलूल आरोप के कारण वहां की अंतरिम सरकार और भारत के बीच खटास और बढ़ने के पूरे आसार हैं। बता दें कि बांग्लादेश लगातार भारत को उकसाने वाले कदम उठा रहा है। जबकि, शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अंतरिम सरकार लगातार अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ कट्टरपंथी हिंसा पर आंखें मूंदे हुए है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने तो ये आरोप भी भारत पर लगाया था कि वो हिंदुओं पर हमले की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रोपेगेंडा कर रहा है। इस आरोप के बाद जब बीते दिनों भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी बांग्लादेश गए और वहां खुलकर कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, तब बांग्लादेश की सरकार ने माना कि हिंदुओं के खिलाफ वहां हिंसा हुई है और ऐसे मामलों में कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। बीते दिनों ही मोदी सरकार ने संसद में बताया था कि बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के 2000 से ज्यादा मामले हो चुके हैं।