कीव। इस साल 24 फरवरी से रूस का यूक्रेन पर हमला जारी है। दो दिन पहले रूस ने क्रीमिया में पुल पर आत्मघाती हमले के बाद यूक्रेन पर मिसाइलों की बौछार की थी। इसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। अब इस जंग में रूस के दोस्त बेलारूस की एंट्री होती भी दिख रही है। बेलारुस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अपनी सेना को यूक्रेन की सीमा पर तैनात कर दिया है। लुकाशेंकों ने ये एलान भी किया है कि उनके देश की फौज रूसी जवानों के साथ मिलकर काम करेगी। इसके बाद दुनिया के 7 ताकतवर मुल्कों ने रूस को चेतावनी दी है।
पहले बात बेलारूस की कर लेते हैं। पश्चिमी मीडिया के मुताबिक लुकाशेंको ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन उनके देश पर अटैक करने वाला है। इस बयान के बाद ही बेलारूसी सैनिक यूक्रेन से लगती सीमा पर टैंक और अन्य घातक हथियार लेकर इकट्ठा होने लगे हैं। बेलारूस की सीमा यूक्रेन के अलावा पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया से लगती है। ये तीनों देश नाटो के सदस्य हैं। ये शक भी जताया जा रहा है कि रूस अब बेलारूस के भीतर से यूक्रेन के कई इलाकों में टैक्टिकल न्यूक्लियर स्ट्राइक कर सकता है। ये आशंका नामी शोधकर्ता और रूस में पैदा हुए यूरी फेल्शिंस्की ने जताई है।
अब बात जी-7 देशों की रूस को दी गई चेतावनी की। जी-7 देशों ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर उसने यूक्रेन पर न्यूक्लियर, केमिकल या बॉयलॉजिकल हथियार से हमला किया, तो उसके बहुत खराब परिणाम उसे भुगतने होंगे। जी-7 देशों की इमरजेंसी मीटिंग के बाद ये चेतावनी दी गई। उधर, नाटो ने कहा है कि वो यूक्रेन से लगे अपने सदस्य देशों में न्यूक्लियर ड्रिल यानी परमाणु हमले की तैयारी का युद्धाभ्यास करेगा। इससे भी माहौल और बिगड़ने की आशंका है।