
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के वैसे तो बुरे दिन चल रहे हैं। उनके साथ कुछ अच्छा हो ही नहीं रहा है। उनकी सियासी जमीन तो अब बंजर ही हो चुकी है। हालांकि, वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि कैसे भी करके अपनी राजनीतिक धरा को उपजाऊ बनाए लेकिन अब शायद उनके दुर्दिन शुरू हो चुके हैं। उनके साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। अब इसी बीच उन्हें एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, खबर है कि पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने इमरान खान की संसद की सदस्यता रद्द कर दी है। सियासी मोर्चे पर यह उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर किस मामले में इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने यह फैसला सुनाया है।
Pakistan’s election commission disqualified former Prime Minister Imran Khan from holding public office over charges of unlawfully selling state gifts received from heads of other nations & foreign dignitaries: Reuters reported citing local media pic.twitter.com/6zIUQYggjX
— ANI (@ANI) October 21, 2022
जानें पूरा माजरा
आपको बता दें कि पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग ने इमरान खान की संसद की सदस्यता तोशखाना मामले की वजह से रद्द की है। इस मामले में इमरान पर त्रुटियुक्त जवाब दाखिल करने का भी आरोप है। चार बैंच की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। मामले की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इमरान खान के विरुद्ध फैसला सुनाए जाने के बाद निर्वचान आयोग की सुरक्षा में इजाफा कर दिया गया है और हर गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई भी अपनी नापाक गतिविधियों को धरातल पर उतारने में सफल ना हो सकें। यहां तक की पीटीआई कार्यकर्ताओं को पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग के परिसर के पास मौजूद रहने की भी इजाजत नहीं है।
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि जब उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान बेशकीमती तोहफे मिले थे। तो उन्होंने उसे तोशखाना में जमा करा दिए थे। लेकिन, इमरान पर आरोप है कि उन्होंने इन बेशकीमती तोहफों को सस्ते में खरीदकर बाद में महंगे दामों में बेच दिया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान ने तकरीबन 2 करोड़ रुपए में बेशकीमती उपहारों को खरीदने के बाद उन्हें 5.8 करोड़ रुपए में बेच दिया था। इन तोहफों में कई अरबी वस्तुएं शामिल थीं। जब पूरे मामले की निर्वाचन आयोग को शिकायत की गई तो इमरान खान के खिलाफ बाकायदा विधिवत रूप से कानून प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके बाद अब उनके विरुद्ध उपरोक्त फैसला लिया गया है। ध्यान रहे कि इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने से पूर्व तत्कालीन सरकार ने बाकायदा कानूनी इजाजत भी दी थी। बता दें कि प्रधानमंत्री रहने के दौरान इमरान खान ने अरब देशों की खूब यात्राएं की थीं। ऐसा करन के पीछे उनका मुख्य मकसद अरब देशों से अपने संबंधों को प्रगाढ़ करना था।