नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में भारत को अब विदेशों से भी मदद मिल रही है। बता दें कि कोरोना से छिड़ी जंग में अब भारत को अमेरिका की 40 कपंनियों का साथ मिला है। ये कंपनियां भारत को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स समेत दवाओं की डिलीवरी करेंगी। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते भारत की दशा को बेहततर करने के लिए अमेरिका की शीर्ष 40 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) ने एक वैश्विक कार्यबल का गठन किया है। ये सभी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद करेंगे। इसके लिए इन सभी कंपनियों के CEO एकजुट हुए हैं। गौरतलब है कि भारत में कोरोना से हालात बेहद ही चिंताजनक हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि मरीजों को अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत दुनिया के कई मुल्क भारत को मदद पहुंचाने के लिए तैयार हुए हैं।
डेलोइट (Deloitte) के CEO पुनीत रंजन (Puneet Renjen) ने इस बारे मेें कहा कि सोमवार को यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम एंड बिजनेस राउंडटेबल की सामूहिक पहल कार्य बल ने वॉशिंगटन में बैठक की। इस बैठक में अगले कुछ हफ्तों में भारत में 20,000 ऑक्सीजन मशीनें भेजने की प्रतिबद्धता जताई गई है। कोरोना महामारी पर यह वैश्विक कार्यबल भारत को आवश्यक चिकित्सा सामान, वैक्सीन, ऑक्सीजन और अन्य जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराएगा।
इस कार्यबल को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा कि, यह बातचीत दिखाती है कि कैसे भारत के कोविड-19 संकट के समाधान के लिए अमेरिका और भारत अपनी विशेषज्ञता और क्षमताओं का लाभ उठा सकता है।
डेलोइट (Deloitte) के CEO पुनीत रंजन ने कहा कि, इस लहर की वजह से देश हिल गया है लेकिन हमारा मनोबल ऊंचा है। इससे निपटना हमारी जिम्मेदारी है। अगले कुछ हफ्तों में भारत में 20,000 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स भेजे जाएंगे। वहीं डेलोइट CEO ने कहा कि पहली 1,000 मशीनें इस हफ्ते तक पहुंच जाएंगी और पांच मई तक अन्य 11,000 मशीनों के पहुंचने की संभावना है। CEO पुनीत रंजन ने कहा कि दूसरा मुद्दा 10 लीटर और 45 लीटर की क्षमता से ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने का है।