नई दिल्ली। एक तरफ जहां भारत में संस्कृत भाषा की भले ही अनदेखी हो रही हो लेकिन विदेशों में रह रहे भारतीय अभी तक इस भाषा के जरिए अपनी संस्कृति से जुड़े हुए हैं। भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद संतोखी जो हाल ही में लेटिन अमेरिकी देश सूरीनाम के राष्ट्रपति चुने गए हैं उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ संस्कृत भाषा में ली है।
चंद्रिका प्रसाद संतोखी संस्कृत में शपथ लेकर इस भाषा का मान तो बढ़ाया ही है साथ में यह भी बता दिया है कि उन्हें भारतीय संस्कृति से कितना लगाव है। चंद्रिका प्रसाद को सूरीनाम में चान प्रसाद कहा जाता है और संस्कृत में शपथ लेने के बाद वे भारतीय सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
सूरीनाम एक पूर्व डच उपनिवेश है, जहां 587,000 की आबादी में 27.4 प्रतिशत लोगों के साथ भारतीय मूल के लोग सबसे बड़ा जातीय समूह हैं और चंद्रिका प्रसाद की पार्टी मुख्य तौर पर भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और पार्टी को युनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी कहा जाता है।
Congratulation to the newly elected President of Suriname (South America) Sh. Chandrika Prasad Santoshi. Do watch his oath. Proud moment for every Bharatiya. pic.twitter.com/n7bjllCyvI
— Navdeep Singh (@navdeepind) July 22, 2020
राष्ट्रपति पद के चुनाव में चंद्रिका प्रसाद ने पूर्व सैन्य नेता डेसी बॉउटर्स को हराया है। सूरीनाम एक पूर्व डच उपनिवेश है, जहां 587,000 की आबादी में 27.4 प्रतिशत लोगों के साथ भारतीय मूल के लोग सबसे बड़ा जातीय समूह हैं। पीआरपी मुख्यत: भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और मूल रूप से इसे युनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी कहा जाता था।
संतोखी को विरासत में बॉउटर्स से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था मिली है, जिन्होंने चीन और वेनेजुएला के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करते हुए देश को आर्थिक समस्याओं का शिकार बना दिया।