नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन विजेता के रूप सामने आए हैं। हालांकि अभी वो राष्ट्रपति की कुर्सी पर अगले साल जनवरी में बैठेंगे और आधिकारिक तौर पर कमान संभालेंगे। इस बीच तमाम देशों की तरफ से बाइडेन को शुभकामनाएं व बधाई संदेश दिए जा रहे हैं। भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जो बाइडेन को बधाई संदेश दिए। इन सबके बीच अब चीन ने बाइडेन को बधाई संदेश देने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे चीन का तर्क है कि अमेरिकी चुनाव का परिणाम देश के कानूनों और प्रक्रियाओं से निर्धारित होना चाहिए। बता दें कि तीन नवंबर को हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन और कमला हैरिस की जीत पर चीन ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि सरकारी मीडिया उनके निर्वाचन पर टिप्पणियां कर रही है। फिलहाल चीन अब उन देशों में शामिल हो चुका है जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम पर अभी तक कोई बयान नहीं दिये हैं।
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि बाइडन ने घोषणा की है कि वह चुनाव के विजेता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना यह है कि अमेरिकी कानून व प्रक्रियाओं के तहत चुनाव के नतीजों का निर्धारण होगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन बयान देगा या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपना रुख स्पष्ट करने तक इंतजार करेगा, वांग ने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय परंपरा का पालन करेंगे।’’
चीन के अलावा रूस ने भी बाइडेन की जीत को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि रूस और मेक्सिको ने राष्ट्रपति-निर्वाचित को बधाई नहीं दी है। रिपब्लिकन ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी बाइडन से हार मानने से इनकार कर दिया है।
व्यापार, प्रौद्योगिकी और एशिया व दुनिया के अन्य हिस्सों में प्रभाव को लेकर प्रतिस्पर्धा की वजह से बढ़ते गतिरोध के कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चीन के रिश्ते तल्ख रहे थे। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि बाइडन तल्ख रिश्तों को कम तनाव वाली श्रेणी में लाने के लिए काम कर सकते हैं।