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चीन की नींद उड़ाने के लिए भारत, ब्रिटेन और अमेरिका बनाएंगे नया गठबंधन

Democratic Countries Alliance: चीन (China) को घेरने के लिए अब भारत (India), ब्रिटेन (Britain) और अमेरिका (America) ऐसा कुछ करने जा रहा है जिसके बाद ड्रैगन के होश उड़ जाएगे। चीन को घेरने के लिए अब भारत, ब्रिटेन और अमेरिका नया गठबंधन बनाने जा रहा है।

नई दिल्ली। चीन (China) को घेरने के लिए अब भारत (India), ब्रिटेन (Britain) और अमेरिका (America) ऐसा कुछ करने जा रहा है जिसके बाद ड्रैगन के होश उड़ जाएगे। चीन को घेरने के लिए अब भारत, ब्रिटेन और अमेरिका नया गठबंधन बनाने जा रहा है। बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन चीन की विस्तारवादी नीतियों का खुलकर विरोध करते रहते हैं। वहीं केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से भारत,अमेरिका और ब्रिटेन के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं।

Narendra Modi Xi jin ping

इसी वजह से दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को स्थापित करने के लिए ये दोनों ही देश अपनी विदेश नीति में भारत को खास महत्व भी दे रहे हैं। G-7 की बैठक में भारत को शामिल करने के बाद ये दोनों ही देश आने वाले दिनों में D-10 (डेमोक्रेसी-10) नाम का एक अलायंस भी बनाने जा रहे हैं। खास बात ये है कि इस गठबंधन में दुनिया के 10 सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों को शामिल किया जाएगा।

modi meet to trump

बता दें कि अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया के 10 लोकतांत्रिक देश जब एकजुट होंगे तो निश्चित ही इससे चीन की मुश्किलें जरूर खड़ी होगी। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका और यूरोपीय देशों की बढ़ती दिलचस्पी भी चीन के लिए लगातार चिंता का कारण बना हुआ है। चीन में लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में अगर दुनिया के 10 सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश एक अलायंस बनाते हैं तो चीन की टेंशन जरूर बढ़ेंगी।

इस बार अमेरिका नहीं बल्कि इस देश के पीएम होंगे गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि, स्वीकार किया न्यौता

इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मुख्य अतिथि बनाए जाने को लेकर भारत के दिए न्यौते को स्वीकार कर लिया है। इसको लेकर ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बोरिस जॉनसन को भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में बुलाया जाना एक बड़े सम्मान की तरह है। डॉमिनिक रॉब ने यह भी बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल होने वाली जी-7 सम्मिट में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच इस न्यौते को लेकर 27 नवंबर को फोन पर बात हुई थी और उस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया था। कहा जा रहा है कि उसी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी भारतीय पीएम को जी-7 बैठक में भाग लेने का न्यौता दिया था।

narendra modi and Boris Johnson

बता दें कि दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बीच इस दौरान बैठक होने की संभावना है जिसमें कई समझौते भी हो सकते हैं। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आना, 27 साल बाद हो रहा है। इससे पहले 1993 के गणतंत्र दिवस समारोह में उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर मुख्य अतिथि बने थे। तब केंद्र में नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।

वहीं देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर पिछले 10 साल के दौरान आने वाले मुख्य अतिथियों पर नजर डालें तो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे तक का नाम इस सूची में शामिल हैं। बता दें कि 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारों मुख्य अतिथि थे, उससे पहले 2019 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा। वहीं 2018 में 10 आसियान देशों का राष्ट्र अध्यक्षों ने गणतंत्र दिवस पर भाग लिया था।

PM Modi Lal Qila Red Fort 2014

इसके अलावा 2017 में UAE के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद, फ्रांस के उस समय के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद 2016 में, 2015 में अमेरिकी राष्ट्पति बराक ओबामा, 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर आए थे। वहीं 2013 में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल बांगचुक, 2012 में थाईलैंड के पीएम यिंगलक शिनावात्रा, 2011 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुसीलो बाम्बांग और 2010 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बाक मुख्य अतिथि रहे।