मॉस्को। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। बीते साल अमेरिकी कांग्रेस की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन भड़क गया था और उसने ताइवान को डराने-धमकाने के लिए उसके चारों तरफ सैन्य अभ्यास किया था। हाल ही में ताइवान के उप राष्ट्रपति विलियम लाई अमेरिका गए थे। इससे चीन फिर भड़क गया है। चीन के रक्षा मंत्री ने अब बयान जारी कर अमेरिका को चेतावनी दी है। चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से अपने मंत्री के बयान में अमेरिका के लिए कहा गया है कि आप आग से खेल रहे हैं।
मॉस्को में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर एक कॉन्फ्रेंस में चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कहा कि ताइवान का इस्तेमाल कर चीन को काबू में करने की हर कोशिश को विफल किया जाएगा। शांगफू ने कहा कि ताइवान का चीन में मिलन होना ही है और इसे कोई टाल नहीं सकता। चीन के रक्षा मंत्री ने ताइवान को चीन का आंतरिक मसला बताया। ली शांगफू ने कहा कि ताइवान और चीन के बीच संबंधों में बाहरी हस्तक्षेप कतई मंजूर नहीं है। चीन के रक्षा मंत्री ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि ताइवान के मुद्दे पर आग से खेलना होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी ताइवान के मसले पर चीन का समर्थन किया है। पुतिन ने आरोप लगाया कि अमेरिका दुनियाभर में संघर्षों को भड़काता रहता है।
चीन और ताइवान के बीच मसला कांफी गंभीर है। 1948 में जब चीन पर कम्युनिस्टों का कब्जा हो गया, तो चीन की तत्कालीन राष्ट्रवादी सरकार ने ताइवान पर अपना डेरा जमाया और इसे अलग देश घोषित किया। चीन का कहना है कि ताइवान अलग देश नहीं है और उसका ही हिस्सा है। जबकि, अमेरिका लगातार ताइवान को चीन के हमले से बचाने के लिए उसकी सैन्य मदद करता रहता है। इसी वजह से चीन और अमेरिका के बीच जबरदस्त तनातनी है।