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Diwali In NewYork : अब अमेरिका में भी मची दिवाली की धूम, स्कूलों में अगले साल से रहेगी छुट्टी, ऐसे रहेंगे इंतजाम

Diwali In NewYork : राजकुमार ने कहा, “हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्मों के 200,000 से अधिक न्यू यॉर्कर को उनकी असली पहचान हासिल करवाने का समय आ गया है, जो रोशनी का त्योहार दिवाली मनाते हैं।”

न्यूयॉर्क। भारत की दिवाली दुनिया में धूम मचा रही है, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में दिवाली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है खासकर अमेरिका के उन शहरों में या उन देशों में जहां पर हिंदू बहुलता में हैं। इन्हीं में से एक है अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क। ऐसे में दिवाली हो और छुट्टी न हो तो दिवाली कैसी। अब अगले साल यानी 2023 से न्यूयॉर्क सिटी पब्लिक स्कूल में दिवाली की छुट्टी होगी। मेयर एरिक एडम्स ने गुरुवार को इसकी घोषणा की है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क असेंबली के सदस्य जेनिफर राजकुमार के साथ एडम्स ने दिवाली और न्यूयॉर्क सिटी स्कूल के चांसलर डेविड बैंक्स को मान्यता देने के लिए कानून पेश किया था।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए राजकुमार ने कहा, “हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्मों के 200,000 से अधिक न्यू यॉर्कर को उनकी असली पहचान हासिल करवाने का समय आ गया है, जो रोशनी का त्योहार दिवाली मनाते हैं।” इसके साथ ही दिवाली पर छुट्टी की बात पर एक अन्य सदस्य ने कहा, “लोगों ने कहा है कि न्यूयॉर्क शहर के स्कूल कैलेंडर में दिवाली स्कूल की छुट्टी के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। कानून के जरिए यह जगह बनता है।” इसपर राजकुमार ने आगे कहा कि नए स्कूल शेड्यूल में अभी भी 180 दिन होंगे। वहीं लोगों में न्यूयॉर्क सिटी में दिवाली पर छुट्टी को लेकर अभी से खुशी देखी जा रही है।

न्यूयॉर्क में आयोजित किए गए इस सम्मेलन के दौरान, एडम्स ने इस निर्णय को हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध समुदायों के लिए एक लंबे इंतजार का खत्म होना बताया। एडम्स ने इसपर बात करते हुए कहा, “हम उन्हें इस बारे में बात करना शुरू करने जा रहे हैं कि रोशनी का त्योहार क्या है और आप अपने भीतर कैसे प्रकाश भरते रहते हैं।” इसके अलावा महापौर ने ये भी कहा कि, “जब हम सब मिलकर दिवाली को को एक त्यौहार के रूप में स्वीकार करते हैं तो हम उस प्रकाश को स्वीकार कर रहे हैं जो हमारे भीतर है। वह प्रकाश स्पष्ट रूप से अंधेरे को दूर कर सकता है।” गौरतलब है कि अमेरिका में हिंदू धर्म और सिख धर्म के लोग काफी ज्यादा संख्या में है इसीलिए वहां पर इन धर्मों को मान्यताएं दी जाती हैं।