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Jaishankar On Trump: ‘भारत का ध्यान व्यक्तियों की जगह राष्ट्रहित पर’, डोनाल्ड ट्रंप के बारे में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर की खरी-खरी

Jaishankar On Trump: एस. जयशंकर पहले भी भारत के हितों के मसले पर यूरोप के देशों और अमेरिका को खरी-खरी सुना चुके हैं। जब यूरोपीय देशों ने रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल खरीदने पर सवाल खड़े किए थे, उस वक्त भी जयशंकर ने साफ कहा था कि भारत अपने नागरिकों का हित सबसे पहले देखेगा। जयशंकर ने ये सवाल उठाया था कि यूरोपीय देश रूस से कच्चा तेल खरीदने पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन खुद रूस से गैस लेते हैं।

ब्रुसेल्स। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ये दावा कर रहे हैं कि कारोबार न करने की धमकी देकर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवा दिया। इस पर अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान आया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रुसेल्स में कहा है कि भारत का ध्यान व्यक्तियों की जगह राष्ट्रहित को बढ़ावा देने पर है। उन्होंने कहा कि भारत देशहित वाले हर रिश्ते को आगे बढ़ाएगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रंप के बारे में पूछे गए सवाल पर साफ कहा कि अमेरिका से भारत के रिश्ते बहुत अहम हैं, लेकिन ये किसी व्यक्ति या राष्ट्रपति पर आधारित नहीं है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर से ये सवाल पूछा गया था कि क्या भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भरोसा करता है? इस पर जयशंकर ने कहा कि दुनिया जैसी है, उसे वो उसी तरह स्वीकार करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत के हित वाले संबंधों को मजबूत करना है। जयशंकर ने आगे कहा कि ये किसी व्यक्ति या राष्ट्रपति की बात नहीं है। विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोप के देशों को आतंकवाद के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने कहा कि अगर वे आतंकवाद की अनदेखी करते हैं, तो एक दिन ये उनको भी परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा कि दुनिया समझे कि ये सिर्फ भारत और पाकिस्तान का मसला नहीं है। एक दिन आतंकवाद आपकी तरफ भी आएगा।

बता दें कि एस. जयशंकर पहले भी भारत के हितों के मसले पर यूरोप के देशों और अमेरिका को खरी-खरी सुना चुके हैं। जब यूरोपीय देशों ने रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल खरीदने पर सवाल खड़े किए थे, उस वक्त भी जयशंकर ने साफ कहा था कि भारत अपने नागरिकों का हित सबसे पहले देखेगा। जयशंकर ने ये सवाल उठाया था कि यूरोपीय देश रूस से कच्चा तेल खरीदने पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन खुद रूस से गैस लेते हैं। जयशंकर ने ये भी साफ कहा था कि भारत के सामने जब भी कोई मुश्किल आई, यूरोपीय देशों ने उसकी तरफ से मुंह फेर लिया। अब उन्होंने साफ कर दिया है कि भारत ट्रंप के दावों के बारे में क्या विचार रखता है। भारत पहले ही कह चुका है कि पाकिस्तान के आग्रह पर उसने ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित किया और किसी ने भी मध्यस्थता नहीं की।