
न्यूयॉर्क। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू लगातार दावा कर रहे हैं कि परमाणु हथियार बनाने से ईरान कुछ वक्त ही दूर था। इसी वजह से इजरायल ने ईरान पर हमला किया। वहीं, ईरान कह रहा है कि परमाणु हथियार बनाने का उसका कोई इरादा नहीं है। इजरायल और ईरान के इन दावों और प्रतिदावों के बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी का अहम बयान आया है। राफेल ग्रॉसी ने अमेरिका के न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज से बात करते हुए ईरान के बारे में इजरायल के दावे पर अपनी बात रखी।
आईएईए के चीफ राफेल ग्रॉसी ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि ईरान के पास कई परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री है, लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि वो परमाणु हथियार बना रहा है। आईएईए चीफ ग्रॉसी ने कहा कि ईरान के परमाणु हथियार बनाने के बारे में हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बिखरी हुई कुछ गतिविधियां देखी गई हैं और आईएईए इनकी निगरानी कर रहा है। आईएईए चीफ राफेल ग्रॉसी ने कहा कि राजनयिक तरीके अपनाकर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ईरान और अमेरिका से आईएईए बातचीत कर रहा है।
इससे पहले अमेरिका की आंतरिक खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि ईरान के परमाणु हथियार बनाने की कोशिश का कोई सबूत नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड की रिपोर्ट को गलत बताया था। अब आईएईए चीफ ने भी इजरायल और ट्रंप के दावे को गलत बताया है। वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने साफ कह दिया है कि जब तक इजरायल के हमले बंद नहीं होंगे, उनका देश परमाणु मसले पर कोई बातचीत नहीं करेगा। ईरान की सरकार पहले ही कह चुकी है कि परमाणु मसले पर अमेरिका से जारी बातचीत को पटरी से उतारने के लिए ही इजरायल ने हमला किया। ईरान ने ये भी साफ कहा है कि वो इजरायल को उसकी हिमाकत के लिए बड़ा सबक सिखाएगा। बता दें कि इजरायल ने हमला कर ईरान की सेना के टॉप कमांडरों और परमाणु शोध करने वाले बड़े वैज्ञानिकों को मार दिया है।