नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से दोनों ही देश के बीच हालातों की संजीदगी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। दिन रात यूक्रेन की गलियों में बम धमाकों की आवाज से गूंज रही हैं। यूक्रेन की कई इमारतें व आधारिक संरचनाएं रूसी सैनिकों के कहर का शिकार हो रही हैं। यूक्रेन की बदहाली अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। यूक्रेन अब मदद की गुहार लगा रहा हैं, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति का दावा है कि अभी तक उन्होंने हार नहीं मानी है और वो हर परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। वहीं यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की आक्रमकता दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है। अब ऐसे में दोनों ही देशों के बीच चल रहे इस तनावग्रस्त स्थिति में भारत का क्या स्टैंड रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वैसे तो बीते शुक्रवार को अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के दौरान भारत ने वोट करना, तो दूर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना भी जरूर नहीं समझा था।
अपने इस कदम से भारत ने रूस के प्रति अपनी रूख स्पष्ट कर दिया है, जिस पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि हम रूस और भारत की दोस्ती से वाकिफ है, जिससे हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस संवेदनशील स्थिति में सभी देशों को अपनी बाध्यताओं से परे होकर अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालना करना होगा। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि दुनिया का सर्वाधिक शक्तिशाली देश माना जाने वाले अमेरिका ने भी अपना रूख जाहिर कर दिया। उधर, बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने पुतिन से फोन पर युद्धित स्थिति को लेकर बात की थी।
Spoke with ?? Prime Minister @narendramodi. Informed of the course of ?? repulsing ?? aggression. More than 100,000 invaders are on our land. They insidiously fire on residential buildings. Urged ?? to give us political support in?? Security Council. Stop the aggressor together!
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022
वहीं, अब खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से संकट की घड़ी में मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने पीएम मोदी से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में राजनीतिक सहयोग देने की मांग की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से गुजारिश की है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मे वे यूक्रेन की मदद करने के लिए आगे आए। अब ऐसे में जब भारत और रूस के दोस्ती के किस्से जगजाहिर है, तो ऐसी स्थिति में भारत की तऱफ से इस मामले में क्या कुछ कदम उठाए जाएंगे। यकीनन, इस पर सभी निगाहें टिकी रहेंगी। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र परिषद में अमेरिका द्वारा रूस के विरोध में लाए गए प्रस्ताव में भारत में मतदान करने से इनकार कर दिया था, जिसका स्वागत रूस ने भी किया है। अब यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा पीएण मोदी से जिस तरह संकट की इस घड़ी में मदद की गुहार लगाई है, उसे लेकर भारत की तरफ से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।