
वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच 9 जुलाई 2025 से पहले अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। इसका संकेत व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने दिया। हैसेट ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में है, जिनसे समझौता लक्ष्य के करीब है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने संकेत दिया था कि वो मजबूत व्यापार समझौता करने वाले देशों के उत्पादों पर 10 फीसदी या उससे कम टैरिफ लगाएगा। बताया जा रहा है कि ट्रंप सरकार 15 देशों के व्यापार प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। 9 जुलाई तक ही ट्रंप ने सभी देशों को टैरिफ से छूट दे रखी है। इस तारीख तक अमेरिका से व्यापार समझौता न करने या उसके उत्पादों को अपने देश में टैरिफ से छूट न देने वाले देशों पर अमेरिका सरकार का टैरिफ लागू होगा।
ट्रंप ने 2 अप्रैल को तमाम देशों पर टैरिफ का एलान किया था। भारत के उत्पादों पर भी ट्रंप ने 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के उत्पादों पर भारत औसत 54 फीसदी टैरिफ लेता है। जिसे ट्रंप ने बहुत ज्यादा बताया था। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक भारत चाहता है कि उस पर 26 फीसदी का टैरिफ न लगाया जाए। साथ ही अमेरिका में भारत से आयात होने वाले कपड़ों और जूतों जैसे उत्पादों पर कोई टैक्स न हो। न्यूज चैनल के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि ऐसा होने पर वो भी अमेरिका के कृषि उत्पादों पर टैरिफ को कम करेगा। मोदी सरकार में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल दो बार अमेरिका जाकर ट्रंप सरकार के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से बातचीत भी कर चुके हैं। भारत और अमेरिका ने टैरिफ मसले को सुलझाने के लिए प्रतिनिधि भी नियुक्त कर रखे हैं।
भारत और अमेरिका पहले ही ये एलान कर चुके हैं कि उनका लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर करना है। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा और अमेरिका और भारत के बाजारों में एक-दूसरे के उत्पादों के लिए दायरा भी बढ़ेगा। इससे पहले खबर आई थी कि जुलाई तक अमेरिका और भारत अंतरिम व्यापार समझौता कर लेंगे। फिर उसके आधार पर ही अक्टूबर 2025 तक दोनों देशों के बीच पूर्ण व्यापार समझौता होगा। भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौता यानी एफटीए किया है। जबकि, अमेरिका भी ब्रिटेन से व्यापार समझौता कर चुका है।