newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने खोल दी ड्रैगन की पोल, गलवान घाटी में चीनी सरकार के इशारे पर हुआ था यह काम

जनरल झाओ उन कुछ गिने चुने वरिष्‍ठ जनरल में शामिल हैं जो पीएलए में अभी भी सेवा दे रहे हैं। झाओ ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि भारत, अमेरिका और उसके सहयोगियों के शोषण से बचने के लिए चीन को कमजोर नहीं दिखना चाहिए।

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद भारत और चीन के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव लगातार जारी है। लेकिन इस हिंसक झड़प को लेकर भले ही चीन लगातार कितने भी झूठ बोलता रहे, लेकिन सच सामने आ ही रहा है। इस बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प को लेकर अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।

PM Modi and jinping

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के वरिष्‍ठ जनरल ने अपने सैनिकों को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश दिया था। इस हमले में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद से ही भारत और चीन के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गया है। अमेरिकी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन के पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रमुख जनरल झाओ जोंगकी ने गलवान घाटी हमले को मंजूरी दी थी।

Indian China LAC

जनरल झाओ उन कुछ गिने चुने वरिष्‍ठ जनरल में शामिल हैं जो पीएलए में अभी भी सेवा दे रहे हैं। झाओ ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि भारत, अमेरिका और उसके सहयोगियों के शोषण से बचने के लिए चीन को कमजोर नहीं दिखना चाहिए।

इस रिपोर्ट से यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्‍टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्‍यादा सैनिक हताहत हो गए।

Narendra Modi and Donald Trump

अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी दावा करती है कि चीन ने गलवान घाटी के पास काफी हथियार जमा किए हैं और अपना एक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है। 15 जून की घटना को लेकर कहा गया है कि जब भारत के कुछ अफसर और जवान चीन से बात करने पहुंचे तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे जिसके बाद उन्होंने हमला कर दिया। जब दूसरे भारतीय सैनिक बचाव के लिए आए तो दोनों सेनाओं में खूनी झड़प हुई। लेकिन चीन की ओर से इस पूरी घटना का आरोप भारतीय सैनिकों पर लगा दिया गया और अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर को दबा लिया गया।

India-China LAC

इससे पहले सोमवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने माना कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप हुए इस हिंसक टकराव में चीन के ’20 से कम’ सैनिकों की जान गई। ‘चीन के विशेषज्ञों’ का हवाला देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन ‘सीमा पर तनाव कम करना चाहता है, इसलिए वह अपने सैनिकों के मारे जाने की संख्या का खुलासा नहीं कर रहा है। मारे गए सैनिकों की संख्या 20 से कम है और यह आंकड़ा यदि चीन जारी करता है तो भारत सरकार एक बार फिर दबाव में आ जाएगी।’