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मॉस्को में जयशंकर-वांग यी की मुलाकात, सीमा पर शांति को लेकर हुई बात लेकिन भारत अपनी इस बात पर अड़ा

भारत(India) द्वारा अपनी बात रखने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी(Wang Yi) की तरफ से भी सीमा(Border) पर शांति की बात कही गई, जबकि कहा गया कि सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ जैसी घटनाएं माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती हैं।

नई दिल्ली। पिछले चार महीने से एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर वार्ता जारी है। हालांकि लगातार हो रही इस तरह की वार्ता का कोई हल अभी नहीं निकल पाया है। फिलहाल रूस में शंघाई सहयोग संगठन से इतर हुई भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक हुई। जिसमें भारत के विदेश मंत्री ने सीमा पर बनी स्थिति को चीनी विदेश मंत्री से साझा किया।

Wang Yi S Jaishankar

इस बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि चीन को बॉर्डर से अपने बढ़ती सैनिकों की संख्या को कम करना चाहिए। बता दें कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर बात हुई, जिसके तहत तनाव को कम करने का फैसला लिया गया। सीमा पर 1975 के बाद पहली बार गोली चलने की घटना हुई, इसके बावजूद दोनों देशों की ओर से कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने खुलकर बॉर्डर विवाद पर बात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

india china tension

बॉर्डर पर चीन की चालबाजियों को लेकर एस. जयशंकर ने चीन के सामने बॉर्डर पर चीनी सैनिकों का मसला उठाया। चीनी विदेश मंत्री से उन्होंने कहा कि ‘1993-1996 में जो भी समझौते हुए ये उसका उल्लंघन है।’ भारत ने साथ ही ये भी कहा कि चीन ने इतने सैनिकों की तैनाती क्यों की है, इसका जवाब नहीं मिला है।

चीन की ओर से बॉर्डर से सैनिकों को हटाने की बात

वहीं भारत द्वारा अपनी बात रखने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी की तरफ से भी सीमा पर शांति की बात कही गई, जबकि कहा गया कि सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ जैसी घटनाएं माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती हैं। चीन की ओर से बॉर्डर से सैनिकों को हटाने की बात कही गई।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस मुलाकात के बाद पांच बिंदुओं में जारी किया गया साझा बयान

  • दोनों देशों को अपने नेताओं के मार्गदर्शन में चलकर बातचीत को आगे बढ़ाना चाहिए और मतभेद को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
  • बॉर्डर पर मौजूदा हालात दोनों देशों के पक्ष में नहीं है, ऐसे में सेनाएं बातचीत जारी रखेंगी और सीमा पर हालात को सही करने का माहौल तैयार किया जाएगा।
  • दोनों देश भारत-चीन के बीच सीमा को लेकर मौजूदा समझौतों का पालन करेंगे और शांति बहाल करने का प्रयास करेंगे।
  • बॉर्डर विवाद को लेकर विशेष प्रतिनिधियों के बीच भी बात जारी रहेगी।
  • माहौल में शांति स्थापित होने के बाद दोनों देश अपने संबंधों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।

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भारत अपनी बात पर टिका

इस बैठक के अलावा भारत अपनी बात पर टिका हुआ है और चीन से चाहता है कि सीमा पर अप्रैल से पहले की स्थिति लागू हो। सूत्रों का कहना है कि बातचीत के बाद पहला लक्ष्य सीमा से सैनिकों की संख्या को घटाना है, जिसे दोनों देशों को तुरंत लागू करना होगा। बता दें कि इस बैठक को लेकर चीन इसलिए भी काफी उत्सुक दिखा क्योंकि बीते दिन ही भारतीय जवानों ने फिंगर 4 के पास अपना कब्जा किया जिसकी वजह से चीन बौखलाया हुआ है और किसी भी तरीके से तनाव कम करने की जुगत में है।