कीव/नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच भारत को अपने नागरिकों को निकालने में बड़ी कामयाबी मिली है। भारत ने यूक्रेन के पिसोचिन में फंसे 298 छात्रों को निकाल लिया है। हालांकि, सूमी में अब भी सैकड़ों भारतीय फंसे हैं और उन्हें निकालने के लिए रूस और यूक्रेन से भारत ने युद्धविराम करने का आग्रह किया है। पिसोचिन में फंसे भारतीयों को सकुशल निकाले जाने की जानकारी यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने दी है। दूतावास के मुताबिक इन सभी को वहां से निकालने के लिए 5 बसों का इंतजाम किया गया था। दूतावास ने कहा है कि छात्रों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। पिसोचिन, खारकीव से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर है।
वहीं, रूसी सीमा से करीब 60 किलोमीटर दूर सूमी में करीब 700 भारतीय अब भी फंसे हैं। ये शहर यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक सरकार ने रूस और यूक्रेन से कहा है कि वो यहां युद्धविराम करें, ताकि भारतीयों को निकाला जा सके। बागची ने कहा कि सरकार छात्रों की दिक्कत को समझती है और वहां से उन्हें निकालने के लिए लगातार कोशिश जारी है। भारत ने विभिन्न माध्यमों से रूस और यूक्रेन को संघर्षविराम करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अब तक दोनों के बीच जारी है और इस वजह से चुनौती बनी हुई है।
बागची ने कहा कि हम अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या सूमी में हो रही गोलाबारी, हिंसा और परिवहन न होने की समस्या है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही युद्धविराम होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को निकालना जरूरी है, वरना उनके लिए खतरा बढ़ सकता है। बागची ने कहा कि सूमी में फंसे लोगों को एहतियात बरतने, बंकर या घरों में ही रहने और खतरा मोल न लेने के लिए कहा गया है।