
नई दिल्ली। भारत में जहां वैक्सीनेशन महाअभियान शुरु हो गया है तो वहीं भारत अपने पड़ोसी दोस्तों में मदद के तौर पर वैक्सीन की खेप पहुंचा रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने भी भारतीय वैक्सीन को उसके यहां होने वाले टीकाकरण के लिए मंजूरी तो दे दी है लेकिन भारत से मांगने में उसे शर्म महसूस हो रही है। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव के चलते ट्रेडिग पर रोक लगी हुई है। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार वैक्सीन तो चाहती है लेकिन उसे भारत के सामने हाथ फैलाने में शर्म आ रही है। इस बीच पाकिस्तान की दशा यहां ही दयनीय नहीं है बल्कि चीन के साथ भी उसे बहुत फायदा नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि चीन की चमचागिरी करने के बाद भी पाकिस्तान को वैक्सीन के मामले में निराशा ही हाथ लगी है। इस मामले में पाकिस्तान ही नहीं बल्कि नेपाल भी शामिल है। हालांकि नेपाल के ऊपर दरियादिली दिखाते हुए भारत ने उसे वैक्सीन देने का वादा किया है।
पाकिस्तान को सिर्फ 5 लाख वैक्सीन
पाकिस्तान को चीन से मिले वैक्सीन की बात करें तो चीन ने पाकिस्तान को सिर्फ 5 लाख वैक्सीन की डोज देने का ऑफर किया है। मगर उसकी सबसे बड़ी बेइज्जती तो तब हुई, जब चीन ने यह कह दिया कि, वैक्सीन को पाने के लिए पाकिस्तान को अपना विमान लाना होगा। चीन ने पाक से कहा है कि अपना विमान लाओ और बीजिंग से वैक्सीन ले जाओ।
ऊंट के मुंह में जीरा
वहीं भारत अपने पड़ोसी दोस्त देशों को खुलकर सपोर्ट कर रहा है। बता दें कि भारत ने करीब तीन करोड़ की आबादी वाले नेपाल को फ्री में ही कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज दे दी है। वहीं चीन ने करीब 21 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान को ऊंट के मुंह में जीरा थमा दिया है। मतलब ये हुआ कि चीन ने इतनी आबादी वाले देश पाकिस्तान को महज 5 लाख वैक्सीन की खुराक देने की पेशकश की है और उसमें भी शर्त यह रखा है कि पाकिस्तान को अपने खर्चे पर ले जाना होगा।
फिलहाल भारत और चीन द्वारा अपने दोस्त देशों को मदद करने के तरीकों में अब पाक को भी समझ आ रहा होगा कि भारत के साथ दोस्ती रखने का क्या फायदा होता है। गौरतलब है कि भारत ने बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, भूटान समेत कई अन्य पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन मुहैया कराई है। जहां भूटान की आबादी करीब साढ़े सात लाख है, तो वहीं भारत ने उसे सहयोग के तौर पर 1.5 लाख वैक्सीन की खुराकें दे दी है। इसके अलावा बांग्लादेश की आबादी करीब 16 करोड़ से अधिक है लेकिन भारत ने 20 लाख कोरोना की वैक्सीन दी है। वहीं, आज श्रीलंका, अगर जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो इन पड़ोसियों की भारत ने जिस तरह दिल खोलकर मदद की है। ऐसे में पाकिस्तान को चीन से मिलने वाली मदद को देखें तो उस हिसाब से तो चीन से कुछ भी नहीं मदद मिली है।
पाक मांगे तो मोदी सरकार वैक्सीन दे सकती है
बता दें कि पाक भले ही भारत के सामने हाथ फैलाने में शरमा रहा हो लेकिन ऐसी खबर है कि अगर पाकिस्तान भारत से वैक्सीन की मांग करता है तो भारत की मोदी सरकार उसे मुहैया करा सकती है। सूत्रों का कहना है कि कोविड महामारी के शुरुआती दौर में ही सार्क देशों की मदद के लिए भारत ने साझा प्रयास की मुहिम शुरू की थी। इसलिए पाकिस्तान अगर औपचारिक रूप से अनुरोध करता है तो उसे वैक्सीन उपलब्ध कराने पर विचार किया जा सकता है।