
नई दिल्ली। डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में रूस पहुंचे भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां की सरकार के मंत्रियों और नेताओं से मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के विषय में जानकारी दी। साथ ही पाकिस्तान को आतंकवाद की सरपरस्ती के लिए बेनकाब भी किया। कनिमोझी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से, भारत के लोगों की ओर से मेरा यह संदेश है कि भारत अब किसी भी तरह के आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दुनिया इस बात को समझे कि भारत शांति चाहता है। भारत शांति के लिए खड़ा है, मगर सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने से चूकेगा नहीं।
Moscow, Russia: DMK MP Kanimozhi Karunanidhi says, “The message is from the government of India, from the people of India, that India will no longer tolerate terror in whatever name it comes. And we want to ensure that the world understands that India wants peace. India stands… pic.twitter.com/wPrIUBQIkM
— IANS (@ians_india) May 24, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर कनिमोझी ने बताया कि भारत के पास पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जब भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया तो हमने जिम्मेदारी से जवाब दिया। हमने सुनिश्चित किया कि इससे पाकिस्तान का कोई भी आम नागरिक प्रभावित न हो, उनके सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान न पहुंचे। हमने केवल उन ठिकानों को निशाना बनाया जहां आतंकवादी पनाह और प्रशिक्षण लेते थे। लेकिन पाकिस्तान ने भारत पर हमला करते हुए गुरुद्वारों, मंदिरों, आवासीय क्षेत्रों जहां भारतीय नागरिक रहते थे उनको निशाना बनाया। पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया।
#WATCH मॉस्को, रूस: ऑपरेशन सिंदूर पर DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, “…भारत के पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लेकिन जब भारत ने जवाब दिया, तो हमने जिम्मेदारी से जवाब दिया। हमने सुनिश्चित किया कि कोई भी नागरिक प्रभावित न हो, सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान न पहुंचे। हमने केवल… pic.twitter.com/dN5VRBavRl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 24, 2025
रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर डिप्लोमैटिक आउटरीच’ पर कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के निरंतर खतरे के बारे में हमारी बहुत गंभीर चिंताओं को साझा करना और रूसी अधिकारियों, थिंक टैंक, नेताओं, मीडिया और लोगों को उस बारे में सूचित करना था। भारत पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के साथ नहीं रह सकता। आतंकवाद के हर कृत्य के परिणाम होंगे। वैश्विक समुदाय के लिए यह आवश्यक है कि वह पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराए और उसे आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में उपयोग करने के अपने व्यवहार को बदलने के लिए मजबूर करे।