
वॉशिंगटन। तीन साल से ज्यादा वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। वहीं, अब मध्य-पूर्व में भी युद्ध के बादल मंडराते दिख रहे हैं। खबर है कि इजरायल ने अमेरिका से कहा है कि वो ईरान पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, ईरान ने साफ कहा है कि अगर अमेरिका ने उससे परमाणु मसले पर समझौता न किया और हमला हुआ, तो वो भी मध्य-पूर्व में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमले करेगा। इन सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि उनका देश ईरान को परमाणु बम बनाने की मंजूरी कतई नहीं देने वाला। ट्रंप ने मध्य-पूर्व के सैनिक ठिकानों से काफी सैनिक और दूतावास से अतिरिक्त स्टाफ और उनके परिवारों को वापस बुलाने का भी फैसला किया है।
ट्रंप ने ईरान की ओर से खतरे के बारे में पूछने पर कहा कि मध्य-पूर्व खतरनाक जगह हो गई है। इसी वजह से सैनिकों, राजनयिकों और उनके परिवारों को वापस बुलाने का फैसला किया गया है। ट्रंप ने कहा कि देखते हैं आगे क्या होता है। ट्रंप ने लगातार ये चेतावनी दी है कि अगर परमाणु मसले पर समझौता नहीं होता, तो ईरान पर अमेरिका सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने ताजा बयान में कहा है कि उनको नहीं लगता कि ईरान यूरेनियम संवर्धन रोकने की अमेरिका की मुख्य शर्त पर राजी होगा। ट्रंप का बयान आने के बाद ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नासिरजादेह ने चेतावनी दी कि अगर उनके देश पर कोई हमला होता है, तो ईरान की सेना क्षेत्र में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर तत्काल पलटवार करेगी।
#WATCH | US President Donald Trump says, “They (US military personnel) are being moved out (of some countries of the Middle East) because it could be a dangerous place and we will see what happens…We have given notice to move out…They can’t have a nuclear weapon. Very simple.… pic.twitter.com/9LG7mliJ6m
— ANI (@ANI) June 12, 2025
अमेरिका ने इराक, कुवैत, कतर, बहरीन और यूएई में सैन्य ठिकाने बना रखे हैं। यहां हजारों की तादाद में अमेरिका के सैनिक और लड़ाकू विमान तैनात रहते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अफसर ने बताया कि बगदाद के दूतावास से गैरजरूरी स्टाफ और उनके परिवारों को फ्लाइट्स के जरिए वापस लाने की योजना तैयार की गई है। इस बीच, मध्य-पूर्व में कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े अल-उदैद एयरबेस पर ऑपरेशन की तैयारी जारी है। दरअसल, ईरान इस क्षेत्र में सैन्य रूप से सबसे ताकतवर देश है। ईरान के पास लंबी दूरी की मिसाइलें हैं। इसी साल ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से जोरदार हमला किया था। इजरायल ने भी बदले में ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। बाद में ट्रंप के कहने पर दोनों ने और हमले न करने की बात कही थी, लेकिन अब ईरान और अमेरिका में ही ठन गई है। ईरान कह रहा है कि वो परमाणु ईंधन का संवर्धन नहीं रोकेगा। ईरान ये भी कह रहा है कि परमाणु बम बनाने का उसका इरादा नहीं है, लेकिन ट्रंप इस पर भरोसा करने के लिए राजी नहीं हैं।