
तेहरान। ईरान ने इजरायल से युद्ध के बारे में अपना पक्ष रखा है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को कहा कि उनके देश की इजरायल के खिलाफ कार्रवाई आत्मरक्षा पर आधारित है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान उस वक्त तक जंग का विस्तार नहीं चाहता, जब तक कि उसे ऐसा करने के लिए मजबूर न किया जाए। अब्बास अराघची ने कहा कि इजरायल कभी भी अमेरिका के समर्थन और हरी झंडी के बगैर हमला नहीं करता। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मामले पर बातचीत को विफल करने के लिए इजरायल ने हमला किया। ईरान के विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि अमेरिका को ईरान के परमाणु संयंत्रों पर इजरायल के हमलों की निंदा करनी चाहिए।
इज़राइल के Bat Yam में एक रिहायशी इमारत पर ईरानी मिसाइल गिरने के बाद की हालत
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— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) June 15, 2025
इस बीच, ताजा जानकारी के मुताबिक इजरायल के तेल अवीव और अन्य शहरों पर ईरान के मिसाइल हमलों में अब तक 14 लोगों की जान गई है। दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। जबकि, ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य जगह इजरायल के हमलों में 20 बच्चों समेत 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और सैकड़ों की तादाद में लोग घायल हुए हैं। इजरायल ने ईरान पर परमाणु बम बनाने की कोशिश का आरोप लगाकर शुक्रवार से हमले शुरू किए थे। इजरायल के विमानों और ड्रोन ने ईरान के नतांज समेत कई परमाणु संयंत्रों के अलावा तेल के डिपो और रक्षा मंत्रालय के भवन पर हमले कर उनको ध्वस्त किया है। इजरायल के हमलों में ईरान के टॉप सेना कमांडर भी मारे गए हैं।
उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान ने अमेरिका के प्रतिष्ठानों पर हमले किए, तो ऐसा पलटवार किया जाएगा जैसा कभी किसी ने नहीं देखा। ट्रंप लगातार ईरान पर ये दबाव डाल रहे हैं कि वो परमाणु समझौता कर ले। ट्रंप ने कहा है कि किसी भी सूरत में ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने दिया जाएगा। ट्रंप ये भी नहीं चाहते कि ईरान यूरेनियम का संवर्धन करे। जबकि, ईरान ने कहा है कि वो यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा। ईरान लगातार ये भी कहता रहा है कि उसका इरादा परमाणु बम बनाने का नहीं है।