काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान के बीच करीबी रिश्तों का एक बार फिर खुलासा हो गया है। ताजा खबर ये है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद एक उच्चस्तरीय दल के साथ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक तालिबान की सर्वोच्च फैसला लेने वाली परिषद यानी शूरा ने लेफ्टिनेंट जनरल हामिद को काबुल आने का न्योता दिया था।
ISI Chief Lt Gen Faiz Hamid arrived Kabul this morning leading delegation of senior Pakistani officials. Gen Faiz is highest ranking foreign official to reach Kabul on invitation of Taliban Shura. Issues to discuss immediate future of Pak Taliban security economic trade ties pic.twitter.com/Ku2Jcyl3RK
— Kamran Khan (@AajKamranKhan) September 4, 2021
तालिबान और हामिद के बीच पाकिस्तान और तालिबान शासन के दौरान व्यापार, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा पर चर्चा होनी है। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल हामिद की एक तस्वीर भी सामने आई थी। जिसमें वह तालिबान के बड़े नेताओं के साथ नमाज पढ़ते दिखाई दिए थे।
तालिबान और पाकिस्तान का यही गठजोड़ भारत के लिए चिंता का विषय है। तालिबान लगातार कह रहा है कि वह किसी सूरत में अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा। तालिबान का ये भी कहना है कि भारत से वह अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन जब आतंकवाद के गढ़ पाकिस्तान से वह ऐसे करीबी रिश्ते रखेगा, तो भला उस पर भरोसा कैसे कर लिया जाए ? भारत ने इसी वजह से तालिबान से साफ कह दिया है कि आतंकवाद को अगर वो मदद देगा, तो इससे गलत संदेश जाएगा।
तालिबान की ओर से आईएसआई चीफ को न्योता देना बहुत गंभीर मसला है। आईएसआई ही लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के जरिए भारत में आतंकवाद फैलाता रहा है। मुंबई में 2008 के आतंकी हमलों की साजिश भी आईएसआई ने ही रची थी। इसके सबूत सबके सामने आ चुके हैं। पठानकोट हो या पुलवामा, हर जगह आतंकी हमलों में आईएसआई का ही हाथ रहा है। ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को तालिबान का न्योता उस भरोसे को तोड़ देता है कि अफगानिस्तान के नए शासक आतंकवाद को किसी सूरत में बढ़ावा नहीं देंगे।