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ईरानी पत्रकार का दावा- परमाणु वैज्ञानिक फखरीजादेह की हत्या में शामिल थे मोसाद से जुड़े 62 लोग

Fakhrizadeh Murder: मोहसिन फखरीजादेह(Fakhrizadeh) ईरान(Iran) की हत्या में अहम बात ये है कि वो न्यूक्यिर प्रोग्राम का सबसे अहम हिस्सा थे। और इस प्रोग्राम को लेकर अमेरिका, इजराइल, नाटो और अरब देश सबसे ज्यादा खिलाफ हैं।

नई दिल्ली। ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह (Mohsen Fakhrizadeh) की हत्या को लेकर इजरायल (Israel) पर सीधे तौर पर आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि इस हमले को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) ने अंजाम दिया है। इस हत्या को लेकर खुद ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी और सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्लाह अली खमनेई ने इजरायल को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। इन सबके बाद अब ईरान के एक पत्रकार खुलासा करते हुए पूरी घटना का विवरण सार्वजनिक किया है। बता दें कि ईरानी पत्रकार मोहम्मद अहवाज ने दावा किया है कि परमाणु वैज्ञानिक डॉ मोहसिन फखरीजादेह की हत्या में 62 लोग शामिल थे। अहवाज वही पत्रकार हैं, जिन्होंने ईरानी सरकार के लाख छिपाने के बावजूद देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव की जानकारी पूरी दुनिया के सामने लाई थी। ईरानी अधिकारियों ने वैज्ञानिक की हत्या के लिए इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दोषी ठहराया है। एक अमेरिकी अधिकारी और दो अन्य खुफिया अधिकारियों ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि हमले के पीछे इजरायल का हाथ था।

Iran fakhrizadeh Death

गौरतलब है कि शुक्रवार को तेहरान में ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह (Mohsen Fakhrizadeh) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ईरान ने इजराइल और अमेरिका पर हत्या का आरोप लगाया है। 7 अगस्त को तेहरान में ही अल कायदा के नंबर दो अबु मोहम्मद अल मासरी की भी इसी तरह हत्या हुई थी। तब भी हत्यारों का पता नहीं लगा था और अब भी इनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

 

बता दें कि ईरानी पत्रकार अहवाज ने फखरीजादेह की हत्या को लेकर दावा किया कि हमलावरों के टीम लीडर ने पहले डॉ फखरीजादेह को कार से बाहर निकाला और फिर उनपर गोली मार चला दी। इसके बाद हमलावरों ने दोबारा यह चेक किया कि ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की मौत हुई कि नहीं। इस हमले के बाद हमलावर वहां से गायब हो गए। हालांकि उनके दस्ते के किसी भी साथी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

Israel attack on fakhrizadeh

वहीं, ईरानी स्टेट मीडिया ने कहना है कि फखरीजादेह की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने भी हमलावरों का मुकाबला किया। क्योंकि उन्हें पता था कि मोसाद के निशाने पर फखरीजादेह कई सालों से हैं। फखरीजादेह के ऊपर हुए हमले की जानकारी मिलते ही उनकी सुरक्षा के जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी अबसार्ड के अस्पताल पहुंचे। लेकिन, वे तब हैरान हो गए कि जब उन्होंने देखा कि पूरा शहर में बिजली गुल है। पत्रकार का दावा है कि डॉ फखरीजादेह के शव को हवाई मार्ग से तेहरान लेकर जाया गया। इसके बाद ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने प्रख्यात ईरानी वैज्ञानिक के मारे जाने की पुष्टि की और इजरायल पर इल्जाम लगाया।

US and Iran Flag

मोहसिन फखरीजादेहईरान की हत्या में अहम बात ये है कि वो न्यूक्यिर प्रोग्राम का सबसे अहम हिस्सा थे। और इस प्रोग्राम को लेकर अमेरिका, इजराइल, नाटो और अरब देश सबसे ज्यादा खिलाफ हैं। वहीं एक दशक पहले मोहसिन के कुछ करीबी साइंटिस्ट्स की हत्या कर दी गई थी। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के एक्सपर्ट्स ने ईरान से कई बार कहा कि वे मोहसिन से पूछताछ करना चाहते हैं, लेकिन ईरान ने कभी इसकी मंजूरी नहीं दी।