नई दिल्ली/ येरूशलम। इजराइली सेना के हवाई हमले में शनिवार को गाजा सिटी स्थित एक बहुमंजिला इमारत ध्वस्त हो गई, जिसमें स्थित एसोसिएटेड प्रेस और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे। इजराइली सेना के इस हालिया कदम को चरमपंथी संगठन हमास के साथ जारी उसकी लड़ाई के संबंध में गाजा की जमीनी स्तर की सूचनाओं को सामने लाने से रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। सेना द्वारा इमारत को खाली करने का आदेश दिए जाने के एक घंटे बाद ही यह हमला हुआ। इस इमारत में रिहायशी अपार्टमेंट होने के साथ ही एपी, अल-जजीरा समेत अन्य संस्थानों के दफ्तर थे।
इस हमले से 12 मंजिला इमारत जमींदोज हो गई और चारों तरफ धूल का गुबार छा गया। इस बारे में तत्काल कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया कि इस इमारत को निशाना क्यों बनाया गया? मीडिया संस्थानों के कार्यालय जिस इमारत में थे उस पर दोपहर को हुए हमले से पहले इजराइली सेना ने इमारत के मलिक को फोन कर इसे निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद एपी के कर्मचारी एवं अन्य लोगों ने तत्काल इमारत को खाली किया। कतर सरकार द्वारा वित्तपोषित अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क ने इमारत पर हुए हमले और इसके जमींदोज होने का सीधा प्रसारण किया।
An act of terrorism! https://t.co/bzpy6saA23
— Raju Parulekar (@rajuparulekar) May 15, 2021
इस हमले से पहले गाजा सिटी में शनिवार तड़के इजराइल के हवाई हमले में कम से कम 10 फलस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश बच्चे थे। गाजा के उग्रवादी हमास शासकों के साथ लड़ाई शुरू होने के बाद से इजराइल के एक हमले में मरने वाले लोगों की यह सबसे अधिक संख्या है।
पिछले महीने यरुशलम में तनाव से शुरू हुआ यह संघर्ष व्यापक पैमाने पर फैल गया है। अरब और यहूदियों की मिश्रित आबादी वाले इजराइली शहरों में रोज हिंसा देखी जा रही है। इजराइल और हमास के बीच जारी लड़ाई के दौरान वेस्ट बैंक में भी फलस्तीनियों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में इजराइली सेना के साथ झड़प की। इस दौरान इजराइली सेना की कार्रवाई में कम से कम 11 लोग मारे गए।
यह हिंसा ऐसे वक्त में हो रही है जब फिलिस्तीन शनिवार को ‘नकबा दिवस’ मना रहे हैं जब वे 1948 के युद्ध में इजराइल द्वारा मारे गए हजारों फिलिस्तीनियों को याद करता है। इससे संघर्ष के और तेज होने की आशंका बढ़ गई है।