नई दिल्ली। दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Novel Coronavirus) का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच कोरोना महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ी बात कही है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि विश्व अभी कहीं भी कोरोनावायरस के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होने जैसी स्थिति में नहीं है। सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (Herd Immunity) विशेष तौर पर टीकाकरण के माध्यम से हासिल की जाती है और अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक विषाणु को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए।
लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आधी आबादी में भी कोरोनावायरस से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता हो तो एक रक्षात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के प्रमुख डॉक्टर माइकल रेयान (Michael Ryan) ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस सिद्धांत को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमें सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए।’’
माइकल रेयान (Michael Ryan) ने कहा, ‘‘वैश्विक आबादी के रूप में, अभी हम उस स्थिति के कहीं आसपास भी नहीं हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है। यह कोई समाधान नहीं है और न ही यह ऐसा कोई समाधान है जिसकी तरफ हमें देखना चाहिए। आज तक हुए अधिकतर अध्ययनों में यही बात सामने आई है कि केवल 10 से 20 प्रतिशत आबादी में ही संबंधित एंटीबॉडीज हैं।’’
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ब्रूस एलवार्ड ने कहा कि किसी कोविड-19 टीके के साथ व्यापक टीकाकरण का उद्देश्य विश्व की 50 प्रतिशत से काफी अधिक आबादी को इसके दायरे में लाने का होगा।
बता दें कि विश्वभर में लगातार बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 2.20 करोड़ को पार गयी है तथा करीब 7.81 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
कोविड-19 के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है।