
नई दिल्ली। अमेरिका में जो बाइडेन नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वो अगले साल जनवरी से अपना कार्यभार संभालेंगे। इसको लेकर उन्होंने अपने मंत्रियों के कुछ नाम भी जाहिर किए हैं। इसमें एंटनी ब्लिंकेन विदेश मंत्री के रूप कार्यभार संभालने जा रहे हैं। आशंकाएं जताई जा रही थीं कि आखिर ट्रंप सरकार जाने के बाद अमेरिका में जो नई सरकार आएगी, वो चीन और पाकिस्तान के प्रति किस तरह का रवैया रखेगी। फिलहाल अब इन सब आशंकाओं को दूर करते हुए एंटनी ब्लिंकेन ने चीन और पाक को लेकर अपने तेवर साफ कर दिए हैं। बता दें कि ब्लिंकेन ने कड़े तेवर दिखाते हुए चीन को निशाने पर लेते हुए कहा है कि चीन दादागिरी कर रहा है और इसमें उसकी पाकिस्तान न सिर्फ मदद कर रहा है बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने भी उसकी भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने भारत को अमेरिका साझीदार बताया और कहा कि भारत और अमेरिका ‘तेजी से मुखर’ होते चीन का मिलकर सामना करने वाले हैं।
गौरतलब है कि एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि बाइडेन के शासन में हमारा उद्देश्य रहेगा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भारत अहम भूमिका अदा करे और हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को सदस्यता दिलाने में मदद भी करेंगे। ब्लिंकेन ने कहा कि हम भारत की रक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे और आतंकवाद निरोधक साझेदार के रूप में उसकी क्षमताओं को बढ़ाएंगे। वहीं आतंकवाद को लेकर एक सवाल के जवाब में ब्लिंकेन ने कहा कि बाइडन प्रशासन दक्षिण एशिया में आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। चाहे वह सीमा पार से होने वाला हो या अन्य स्थानों से।
ब्लिंकेन ने भारत को अमेरिका साझेदार होने पर जोर देते हुए कहा कि चीन के साथ मजबूत स्थिति को बनाए रखकर वार्ता करने के लिए नई दिल्ली को अमेरिका का एक अहम साझेदार होना चाहिए। ब्लिंकेन ने चीन को मजबूत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी गठबंधन को कमजोर कर चीन की महत्वपूर्ण रणनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद की और दुनिया में शून्यता छोड़ी ताकि चीन उसे भर सके।
चीन के तेजी के साथ बढ़ते कदमों को चुनौती मानते हुए ब्लिंकेन कहा कि, हमारी एक समान चुनौती तेजी से मुखर होते चीन से निपटने की है. इसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के प्रति उसकी आक्रामकता शामिल है। उन्होंने यह बात, ‘जो बाइडन के प्रशासन में अमेरिका-भारत के रिश्ते और भारतीय अमेरिकी’ पर आयोजित एक डिजिटल पैनल चर्चा में भारतीय मूल के लोगों से कही।
चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर ब्लिंकेन ने कहा कि, चीन अपने हितों का विस्तार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को अनदेखी कर रहा है तथा जहां उसका दावा नहीं भी है, वहां वो बेबुनियाद समुद्री और क्षेत्रीय दावे कर रहा है। इससे विश्व के कुछ अहम सागरों में नौवहन की स्वतंत्रता पर खतरा पैदा हुआ है। भारत और चीन के बीच मई से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध चल रहा है।