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Australia: ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों ने फिर बनाया मंदिर को निशाना, दहशत में हिंदू समुदाय

Australia: इस घटना के संदर्भ में हिंदू ह्युमन राइट्स की निदेशक बिल गेट्स ने आशंका व्यक्त की है कि सिख फॉर जस्टिस की तर्ज पर इस घटना को अंजाम दिया गया होगा। बता दें कि इससे पहले भी ऐसे मामलों में सिख फॉर जस्टिस  संगठन का नाम प्रकाश में आ चुका है।

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर से खालिस्तानी तत्वों ने हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। मंदिर की दीवारों को क्षतिग्रस्त किया गया और उस पर हिंदू समुदाय को आतंकित करने के लिए धमकीभरे अल्फाज लिखे गए। इस घटना के बाद एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदुओं के बीच खौफ का माहौल है। बता दें कि इससे पहले भी कई बार इस तरह की नापाक करतूतें खालिस्तानी समर्थकों की ओर से की जा चुकी हैं। वहीं, इस ताजा घटना पर मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने बताया कि सुबह कुछ श्रद्धालु मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे, तो उन्हें इस बारे में पता लगा, जिसके बाद इस बात की सूचना अन्य लोगों को दी गई है। हालांकि, इस पूरे मामल को संज्ञान में लेने के बाद क्या कुछ कार्रवाई की गई है। अभी तक इस बारे में कोई जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है।

उधर, इस घटना के संदर्भ में हिंदू ह्युमन राइट्स की निदेशक बिल गेट्स ने आशंका व्यक्त की है कि सिख फॉर जस्टिस की तर्ज पर इस घटना को अंजाम दिया गया होगा। बता दें कि इससे पहले भी ऐसे मामलों में सिख फॉर जस्टिस  संगठन का नाम प्रकाश में आ चुका है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के केरम डाउन इलाके में भी श्र विष्णु मंदिर को भी कुछ शरारती तत्वों ने निशाना बनाया था। उस वक्त तमिल हिंदू अपना स्थानीय त्योहार पोंगल मना रहे थे। तभी यह  हमला किया गया था। इससे पहले गत 15 जनवरी को मेलबर्न में खालिस्तानी समर्थकों ने अपने पक्ष में एकता बटोरने के लिए एक रैली निकाली थी। खबर है कि उस दौरान रैली में शामिल कई लोगों ने हिंदुओं को निशाना बनाया था।

Khalistan

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न की कुल जनसंख्या का 60 फीसद हिंदू हैं। ऐसी सूरत में कई हिंदुओं को निशाना बनाया गया था। जिसके बाद इस पूरे मामले पर भारी आक्रोश व्यक्त किया गया था। इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया के मिली पार्क में स्वामी नारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी  नारे लिखे गए थे, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वहां भारत के खिलाफ खालिस्तानी तत्वें लगातार पल्लवित और पुष्पित हो रही हैं और अगर समय रहते इस पर विराम लगाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो आगामी दिनों में स्थिति बिगड़ सकती है। कई बार भारत की तरफ से भी इन मामलों पर आक्रोश व्यक्त किया जा चुका है।  लेकिन आज तक इसका कोई असर नहीं दिखा है।