China : जानिए क्या है शी जिनपिंग का डॉक्युमेंट-9, जिसके नाम पर चीन में प्रेस और न्यायतंत्र की फ्रीडम पर लगाई जा रही लगाम

China : चीन में CCP के महासचिव और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनवरी 2013 में प्रचार विभागों के प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन की अपनी पहली बैठक की अध्यक्षता में इस आकलन का समर्थन किया कि CCP को कमजोर करने और उखाड़ फेंकने के विदेशी प्रयास किए जा रहे हैं।

Avatar Written by: April 4, 2023 3:06 pm
shi jinping

बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति चुने गए तो ऐतिहासिक रूप से चीन में ऐसा पहली बार हुआ। लेकिन इस बार सत्ता संभालते ही जिनपिंग ने लगातार एक के बाद एक बड़े फैसले लिए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 14 मार्च 2013 को देश की गद्दी संभाली थी। फिलहाल उनका तीसरा कार्यकाल चल रहा है, जो इसी साल मार्च में शुरू हुआ है लेकिन सत्ता में आने से पहले ही उन्होंने चीनी शासन तंत्र पर अंकुश लगाने के प्रावधान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की राष्ट्रीय बैठक में तैयार कर लिए थे। CCP ने जनवरी 2013 की बैठक में लिए फैसलों के जरिए अधिकारियों को ताकीद कर दिया था कि तत्कालीन राष्ट्रपति हू जिन्ताओ के कार्यकाल में जो गलतियां की गईं, वो दोबारा ऐसी गलती न दोहराएं।

Xi Jinping On Covidआपको बता दें कि इस बारे में सीसीपी ने एक गोपनीय दस्तावेज तैयार किया कि शासन तंत्र कैसे चलाया जाए। इसमें पश्चिमी देशों में लागू सात बातों को खतरनाक बताते हुए उन पर सख्त पाबंदी लगाई गई। पार्टी के इस विजन डॉक्यूमेंट को 2012 में ही तैयार कर लिया गया था लेकिन उस पर मुहर जनवरी 2013 में शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पार्टी की बैठक में लगाई गई। यह एक गोपनीय दस्तावेज है, जिसमें कई बातों का उल्लेख है। इसे ही चीन का डॉक्युमेंट-9 कहा जाता है। इस दस्तावेज में कथित तौर पर मीडिया स्वतंत्रता और न्यायिक स्वतंत्रता सहित सात खतरनाक पश्चिमी मूल्यों को लेकर चेतावनी दी गई है। उन सात विषयों में से किसी पर शिक्षण कार्य पर रोक लगाई गई है।

xi jinping

गौरतलब है कि चीन में CCP के महासचिव और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनवरी 2013 में प्रचार विभागों के प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन की अपनी पहली बैठक की अध्यक्षता में इस आकलन का समर्थन किया कि CCP को कमजोर करने और उखाड़ फेंकने के विदेशी प्रयास किए जा रहे हैं। उस सम्मेलन में प्रचार अधिकारियों को सभी स्तरों पर मीडिया नियंत्रण को कड़ा करने और ‘सेवेन नो’ के सिद्धांत का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का ऑर्डर दिए जाने की खबरें हैं।