newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

पहले बढ़ाया सीमा पर तनाव और अब सद्भावना का राग अलाप रही चीनी मीडिया, बताया क्यों नहीं जारी हो रहा मारे गए सैनिकों का आंकड़ा

खबरों के मुताबिक, चीन के कम से कम 43 सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन ऐसा लगता है वह इस बारे में दुनिया को अंधेरे में रखना चाहता है। क्योंकि यदि संख्या जारी होती है तो चीन में पहले से बिगड़े हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

नई दिल्ली। चीन की मक्कारी किसी भी देश से छिपी नहीं है। चीन का विश्वास करना खुद को धोखे में रखना है और ऐसा चीन ने कई बार साबित भी किया है। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चीन ने जिस तरीके से रवैया अपनाया है वो बेहद ही कायराना है। सीमा पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं, वहीं चीन की तरफ से 43 जवानों के हताहत होने की खबर आ रही है, लेकिन इसके बाद भी चीनी सैनिकों के मरने को लेकर चीन ने अपनी तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है।

XI Jinping

साफ है कि चीन नहीं चाहता कि पूरी दुनिया में उसके सैनिकों के मरने की खबर जाए और उसकी जगहंसाई हो। हालांकि चीनी मीडिया की तरफ से इसको लेकर कुछ और ही कहा जा रहा है। एक चीनी पत्रकार ने दावा किया है कि बीजिंग नहीं चाहता कि दोनों देशों के लोगों में युद्ध का उन्माद फैले, इसलिए उसने अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।

India China Army

चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के चीनी और अंग्रेजी संस्करण के एडिटर-इन-चीफ हू जिजिन ने कहा कि बीजिंग ने सद्भावना बनाए रखने के लिए अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है। जिजिन ने कहा, ‘चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में मारे गए PLA के सैनिकों की संख्या जारी नहीं की। मेरा मानना है कि चीन नहीं चाहता कि दोनों देशों के लोग अपने-अपने देशों के हताहतों की संख्या की तुलना करें और जनता में युद्धोन्माद फैले। यह बीजिंग की तरफ से सद्भावना की पेशकश है।’

china global times

खबरों के मुताबिक, चीन के कम से कम 43 सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन ऐसा लगता है वह इस बारे में दुनिया को अंधेरे में रखना चाहता है। क्योंकि यदि संख्या जारी होती है तो चीन में पहले से बिगड़े हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। साथ ही यह भारत की सीमा पर कब्जे की नीयत से डटे चीन की सद्भावना की बात कहकर खुद को पीड़ित के रूप में दिखाने की चाल लग रही है। यही वजह है कि चीन की सरकारी मीडिया ने पहले तो कहा कि हम अभी चीनी हताहतों की संख्या नहीं बता सकते, और बाद में इसपर चुप्पी ही साध ली।