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UN में हुई चीन की भारी बेइज्जती!, मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर 39 देशों ने लगाई लताड़

China in UN : 39 देशों ने मंगलवार को शिनजियांग(Xinjiang) में बड़ी संख्या में मौजूद ‘पॉलिटकल री-एजुकेशन’ कैंपों पर चिंता जताई, जिसको लेकर विश्वसनीय रिपोर्ट है कि इनमें 10 लाख से अधिक मुसलमानों(Muslims) को कैद करके रखा गया है।

नई दिल्ली। चीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का मामला अब पूरी दुनिया के सामने है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में इसी मामले को लेकर चीन को फजीहत झेलनी पड़ी है। आपको बता दें कि करीब 40 देशों ने शिनजियांग और तिब्बत में अल्पसंख्यक समूहों पर हो अत्याचार को लेकर चीन को जमकर लताड़ लगाई है। हालांकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने चीन का साथ दिया है। बता दें संयुक्त राष्ट्र में चीन को लेकर बाकी देशों ने हॉन्गकॉन्ग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के मानवाधिकारों पर पड़ने वाले बुरे असर पर चिंता जाहिर की। चीन से अमेरिका, कई यूरोपीय देशों, जापान और अन्य ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेचलेट और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को शिनजियांग में निर्बाध रूप से जाने दे। साथ ही उइगर मुसलमानों और अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य सदस्यों को कैद में डालना बंद करे। बता दें कि चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर चीन कई बार दुनियाभर के देशों के निशाने पर रहा है। हालांकि चीन हमेशा इस स्थित से इनकार करता रहा है।

CHINA MUSLIM

गौगतलब है कि 39 देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मानवाधिकार समिति की एक बैठक में संयुक्त रूप से एक बयान जारी किया और उसमें चीन से कहा कि हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता, आजादी के अधिकार को बहाल किया जाए और वहां की न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए। संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के राजदूत क्रिसटोफ हेयूसगेन की ओर से यह बयान पढ़े जाने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने चीन के कर्ज में फंसे 55 देशों की तरफ से ड्रैगन का बचाव किया और हॉन्गकॉन्ग में दखलअंदाजी का विरोध किया।

united nation

इसने कहा कि यह क्षेत्र चीन का हिस्सा है और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एक देश, दो सिस्टम को सुनिश्चत करेगा। इसके बाद क्यूबा ने 45 देशों के तरफ से बयान पढ़ते हुए चीन के आतंक और कट्टरता के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन किया। गौरतलब है कि चीन इसी नाम पर देश में उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहा है।

39 देशों ने मंगलवार को शिनजियांग में बड़ी संख्या में मौजूद ‘पॉलिटकल री-एजुकेशन’ कैंपों पर चिंता जताई, जिसको लेकर विश्वसनीय रिपोर्ट है कि इनमें 10 लाख से अधिक मुसलमानों को कैद करके रखा गया है। यहां मानवाधाकिरों को बुरी तरह कुचला जा रहा है। बयान में कहा गया, ”वहां धार्मिक आजादी पर कड़े प्रतिबंध हैं, आने जाने की आजादी नहीं है, संगठन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। विशेष निगरानी से उइगर मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। जबरन मजदूरी और नसबंदी की रिपोर्ट है।”