पंजशीर। तालिबान ने भले ही राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया हो, लेकिन देश के उत्तरी इलाकों में एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ झंडा बुलंद करने की तैयारी है। अफगानिस्तान में जब पिछली बार तालिबान का शासन था, तब भी उत्तर में उसे नॉर्दर्न अलायंस ने मार भगाया था। नॉर्दर्न अलायंस में मुख्य रूप से पश्तो बोलने वाले अफगान शामिल हुए थे। इस बार भी तालिबान के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए नॉर्दर्न अलायंस बनाने की तैयारी है। गनी सरकार में उप राष्ट्रपति रहे अमीरुल्लाह सालेह के पहले देश छोड़ने की खबर थी, लेकिन अब तस्वीर सामने आई है जिसमें वह पंजशीर में हैं और बड़े कबायली नेता अहमद मसूद और कई अन्य कबायली नेताओं से बातचीत कर रहे हैं।
तालिबान के पिछले शासन के दौरान पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद ने कबायलियों को इकट्ठा कर नॉर्दर्न अलायंस बनाया था। इस अलायंस के हमलों से तालिबान के पैर उत्तरी अफगानिस्तान से उखड़ गए थे। इस अलायंस को अमेरिका ने भी 9/11 हमलों के बाद हथियारों से मदद की थी। रूस से भी नॉर्दर्न अलायंस को हथियार मिलते थे। जब अमेरिका ने तालिबान पर हमला बोला, तो उत्तर से अहमद शाह मसूद की फौजों ने भी तालिबान पर उस वक्त जोरदार धावा बोला था। हालांकि, इसी दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर अहमद शाह मसूद की जान ले ली थी। अब उनके बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में एक बार फिर तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ने की तैयारी अमीरुल्लाह सालेह और अन्य लोग कर रहे हैं।
बता दें कि पंजशीर को छोड़कर अफगानिस्तान के उत्तरी इलाकों पर तालिबान काबिज हो चुका है। उसने बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा जमा लिया है। अगर नॉर्दर्न अलायंस फिर बनता है, तो वो सबसे पहले मजार-ए-शरीफ से ही तालिबान को खदेड़ने के लिए अभियान की शुरुआत करेगा। अहमद शाह मसूद ने भी ऐसा ही किया था।