Connect with us

दुनिया

Pakistan Financial Crisis: अब पाकिस्तान की माली हालत सुधारने उलेमा से मदद लेंगे वित्त मंत्री, सऊदी अरब और यूएई ने भारत से दोस्ती की दी सलाह

पाकिस्तान के सामने मुश्किल ये भी है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पुराने दोस्त चीन ने भी कर्ज के मामले में हाथ खींच लिए हैं। आईएमएफ ने 10 अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए बिजली, पेट्रोल वगैरा की कीमत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को और खोलने की शर्तें रखी हैं। इन्हें मानने पर पहले से ही परेशान पाकिस्तान की जनता पर बोझ और बढ़ेगा। चीन भी नया कर्ज नहीं दे रहा है।

Published

pakistan finance minister ishaq dar

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की माली हालत खराब है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ दुनिया में घूम-घूमकर कर्ज मांग रहे हैं, लेकिन कर्ज मिल नहीं रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार मौलवियों के दर पर मत्था टेकने की तैयारी में हैं। इशाक डार ने पहले कहा था कि अल्लाह ने ही पाकिस्तान बनाया है और वो ही उसे बचाएगा। अब इशाक डार ने कहा है कि वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए वो इस्लामी सुकूक बॉन्ड जारी करेंगे। इसके अलावा वो उलमा और इस्लामी धर्मगुरुओं से भी राय लेंगे। इशाक डार ने स्टियरिंग कमेटी की बैठक में उम्मीद जताई है कि इस्लामी ब्याज मुक्त सिस्टम से देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी।

shehbaz sharif

उधर, पाकिस्तानी मीडिया में खबर ये है कि पाकिस्तान के पुराने दोस्त सऊदी अरब और यूएई ने उसे कश्मीर मसले को छोड़कर भारत से दोस्ती करने की सलाह दी है। दोनों देशों के भारत से बहुत अच्छे रिश्ते हैं। मीडिया के मुताबिक सऊदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान से कहा है कि फिलहाल कश्मीर मसले को वो पीछे छोड़ दे और भारत के साथ दोस्ती कर ले। इससे ही उसका भला हो सकता है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ बीते दिनों कर्ज मांगने के लिए सऊदी अरब और यूएई गए थे। वहां से लौटकर उन्होंने कहा था कि कर्ज के लिए देशों के सामने हाथ फैलाना उनको बिल्कुल अच्छा नहीं लगता, लेकिन मजबूरी ऐसा करा रही है।

dollar and pakistani rupee

पाकिस्तान के सामने मुश्किल ये भी है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पुराने दोस्त चीन ने भी कर्ज के मामले में हाथ खींच लिए हैं। आईएमएफ ने 10 अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए बिजली, पेट्रोल वगैरा की कीमत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को और खोलने की शर्तें रखी हैं। इन्हें मानने पर पहले से ही परेशान पाकिस्तान की जनता पर बोझ और बढ़ेगा। चीन भी नया कर्ज नहीं दे रहा है। हालत ये है कि एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 270 तक जा पहुंची है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार भी करीब-करीब खत्म होने को है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement