नई दिल्ली। आतंकिस्तान यानी पाकिस्तान पर लगातार आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगता रहा है जिसे लेकर वो दूसरे देशों की रडार पर भी है लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान अपने हरकतों से बाज नहीं आता। एक बार फिर पाकिस्तान का चेहरा लोगों के सामने आया है। तालिबान के सहयोग से इनकार करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि जब तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी बने रहेंगे, तब तक तालिबान वहां की सरकार से बातचीत नहीं करना चाहेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये बात इस्लामाबाद में विदेशी पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में राजनीतिक समझौता न के बराबर लग रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, “मैंने तीन से चार महीने पहले तालिबान को मनाने की कोशिश की थी, जब वे यहां आए थे. लेकिन कोशिश नाकाम रही.”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कही थी ये बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में कहा था कि अफगानिस्तान में शांति के विरूद्ध कुछ अज्ञात बल काम कर रहा है। कुरैशी ने इस अज्ञात बल समूह पर नजर रखने का आग्रह किया था। कुरैशी ने ये भी कहा था कि अफगानिस्तान के खराब हालातों के पीछे पाक को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन उनका ऐसा मानना है कि ये अफगानिस्तान के बाहर कोई गुट कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी के इस बयान पर अब अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय का पलटवार सामने आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर फैले आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने के खिलाफ कदम उठाना चाहिए।