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Pegasus Snooping: फ्रांस के राष्ट्रपति की भी हो रही थी जासूसी, इमैनुएल मैक्रों ने बदला अपना फोन और नंबर

Pegasus Snooping: स्पाइवेयर के जरिये मोबाइल डिवाइस को हैक करके लोगों के मेसेज, फोटो और ईमेल को देखा जा सकता है। स्पाइवेयर के जरिये कॉल को रिकॉर्ड किया जा सकता है और माइक्रोफोन और कैमरों को एक्टिव भी किया जा सकता है। पेगासस इसी तरह का एक स्पाइवेयर है।

नई दिल्ली। पेगासस स्पाइवेयर जासूसी कांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फोन पर पेगासस स्पाइवेयर का हमला होने की खबर सामने आई थी। वहीं अब कहा जा रहा है कि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इमैनुएल मैक्रों प्रोटोकॉल में बदलाव किए जाने के आदेश दिए हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने पेगासस नामक इस्रायल निर्मित स्पाइवेयर से निशाना बनाए जाने के बाद अपना मोबाइल और नंबर भी बदल लिया है।

emmanuel_macron ty क्या टारगेट लिस्ट पर थे इमैनुएल मैक्रों?

फ़्रांसीसी मीडिया के मुताबिक मोरक्को द्वारा संभावित निगरानी के लिए इमैनुएल मैक्रों के साथ 14 और फ्रांसीसी मंत्रियों को निशाना बनाया गया था। हालांकि मोरक्को के अधिकारियों ने पेगासस के इस्तेमाल से साफ मना कर दिया है। लेकिन कहा जा रहा है कि कि फ़्रांस द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और झूठे हैं। यह अभी तक साफ नहीं किया गया है कि स्पाइवेयर कभी फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फोन पर इंस्टॉल किया गया था या नहीं।

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पहले से ही निशाने पर थे राष्ट्रपति मैक्रों

गौरतलब है कि अभी तक यह पेगासस स्पाइवेयर राष्ट्रपति इमैनुएल के फोन पर था या नहीं इसे लेकर अभी इंस्टॉल किया गया था या नहीं। लेकिन रिपोर्ट्स कहती हैं कि साल 2016 से ही उनका मोबाइल नंबर पेगासस को बनाने वाले एनएसओ ग्रुप के ग्राहकों द्वारा 50 हजार लोगों की टारगेट लिस्ट में शामिल था।

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बताया गया है कि फ्रांस सहित दुनिया के कई देशों के कार्यकर्ता, पत्रकारों, अधिकारी और नेता इस टारगेट लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि लिस्ट में से कितने फोन हैक किए गए हैं।