Quad Summit: क्वॉड देशों ने इशारों में चीन को दी चेतावनी, PM मोदी ने कहा- हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता लाए

क्वॉड देशों के संगठन ने संकेतों में चीन को अपनी हरकतों से बाज आने के लिए कहा है। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी शिखर बैठक में साफ कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हर हाल में शांति और आजादी को बरकरार रखा जाए।

Avatar Written by: May 24, 2022 8:11 am
quad summit

टोक्यो। क्वॉड देशों के संगठन ने संकेतों में चीन को अपनी हरकतों से बाज आने के लिए कहा है। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी शिखर बैठक में साफ कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हर हाल में शांति और आजादी को बरकरार रखा जाए। क्वॉड शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना से हुई दिक्कतों के बावजूद हमने वैक्सीन की डिलीवरी की, पर्यावरण संरक्षण पर नजर रखी, आर्थिक सहयोग किया। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि आई है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका ताकतवर और हमेशा मददगार सहयोगी रहेगा। उन्होंने कहा कि क्वॉड देश हिंद-प्रशांत इलाके में ताकतवर हैं। हम सबके साझा हित भी जुड़े हैं।

बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर हमला कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन एख सभ्यता को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने इसे यूरोप की जगह वैश्विक मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन से अनाज के निर्यात पर रोक लगा दी है। इससे दुनिया में खाद्य असुरक्षा पैदा हो रही है। जब तक रूस इस युद्ध को जारी रखेगा, अमेरिका अपने सहयोगियों का साथ देता रहेगा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानिस ने कहा कि आप सबके साथ मेरा देश भी सहयोग करेगा। ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी समझता है। उनके इस राय से जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने भी रजामंदी जताई और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने की बात कही।

इससे पहले कल हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के लिए एक बड़ा आर्थिक सहयोग संगठन बनाने की शुरुआत हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की मौजूदगी में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई। संयुक्त घोषणा पत्र में बताया गया था कि यह फ्रेमवर्क कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न मौजूदा कई समस्याओं, जैसे सप्लाई चेन में बाधा, महंगाई में वृद्धि, डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी, स्वच्छ ऊर्जा, से निपटने में आपसी सहयोग की दिशा सुनिश्चित करेगा। कई विशेषज्ञ इसे वैश्विक सप्लाई चेन में चीन पर विश्व की निर्भरता को कम करने के तौर पर भी देख रहे हैं। फ्रेमवर्क में भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और विएतनाम शामिल हैं।

Latest