
वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी 21 जून से अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। उनका दौरा 24 जून तक है। इस दौरान मोदी की मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगी। अपने सम्मान में एक बड़े कार्यक्रम को वो संबोधित करेंगे, लेकिन सबसे अहम कार्यक्रम अमेरिकी संसद में 22 जून को होना है। अमेरिकी संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा और सीनेट के सांसदों को मोदी संयुक्त बैठक में संबोधित करेंगे। ये दूसरी बार होगा, जब मोदी अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले हैं। एक तरह से ये भारत के लिए भी ऐतिहासिक मौका है। अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मोदी के अमेरिका दौरे को कितना अहम बताया, ये सुनिए।
#WATCH | Vedant Patel, US Principal Deputy Spokesperson speaks on the question of PM Narendra Modi’s Official State Visit to the upcoming US; says, “…I will reiterate again that our partnership with India is one of the most consequential. It is a consequential relationship. We… pic.twitter.com/CDVlxB8dxo
— ANI (@ANI) June 7, 2023
मोदी भारत के पहले ऐसे पीएम हैं, जो दो बार अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले हैं। इससे पहले इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू तीन बार अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कर चुके हैं। मोदी को मिल रहे दुर्लभ सम्मान से साफ है कि अमेरिका में सरकार और वहां के सांसद किस तरह बिना किसी भेदभाव के भारत के पीएम का सम्मान करते हैं। क्योंकि मोदी ने इससे पहले रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी संसद में संबोधन दिया था। अब अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति हैं। जो ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के धुर विरोधी माने जाते हैं।
Thank you @SpeakerMcCarthy, @LeaderMcConnell, @SenSchumer, and @RepJeffries for the gracious invitation. I am honored to accept and look forward to once again address a Joint Meeting of the Congress. We are proud of our Comprehensive Global Strategic Partnership with the US,… https://t.co/yeg6XaGUH2
— Narendra Modi (@narendramodi) June 6, 2023
अमेरिकी सीनेट के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी समेत 4 सांसदों ने मोदी को जो निमंत्रण पत्र भेजा, उसमें उनकी तारीफ के पुल बांधे गए। निमंत्रण पत्र में कहा गया है कि अमेरिकी संसद में आपके संबोधन से भारत और अमेरिका के रिश्ते और प्रगाढ़ हुए हैं। इससे उत्साहित मोदी ने भी जवाब में उनको न्योते के लिए धन्यवाद दिया है। मोदी ने कहा है कि वैश्विक शांति और विकास के लिए भारत और अमेरिका के लोगों के बीच रिश्ते मजबूत होने जरूरी हैं। इससे लोकतंत्र के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता भी नजर आती है। इससे पहले अमेरिकी सरकार के उच्चपदस्थ अफसर जॉन किर्बी ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र बहुत जीवंत है और जिसे भी शक है, वो दिल्ली जाकर इसे खुद अपनी आंखों से देख सकता है।