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New Govt In Pakistan: पाकिस्तान में नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी ने आखिर मिलाए हाथ, नई सरकार के गठन का एलान

New Govt In Pakistan: पाकिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी के समर्थन से 93 निर्दलीयों ने जीत हासिल की है। नवाज शरीफ की पार्टी ने 75 और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी ने 54 सीटें जीती हैं। एमक्यूएम ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया है। अन्य छोटे दलों को भी 17 सीटों पर जीत मिली है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजों में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद गठबंधन की सियासत शुरू हुई। अब खबर है कि पाकिस्तान में सरकार बनने जा रही है। नवाज शरीफ के पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के बीच इस बारे में समझौता हो गया है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार देर रात इसका एलान किया। बिलावल ने कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन के पास सरकार गठन के लिए जरूरी संख्या है। हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं। इससे एक दिन पहले बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक जनसभा में कहा था कि वो तभी पीएम बनेंगे, जब जनता ऐसा चाहेगी। उस वक्त खबर ये थी कि नवाज शरीफ के प्रस्तावों से पीपीपी के अध्यक्ष सहमत नहीं हैं।

पाकिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी के समर्थन से 93 निर्दलीयों ने जीत हासिल की है। नवाज शरीफ की पार्टी ने 75 और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी ने 54 सीटें जीती हैं। एमक्यूएम ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया है। अन्य छोटे दलों को भी 17 सीटें मिली हैं। सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली की 265 में से 133 सीटें होना जरूरी है। जो पीपीपी, एमक्यूएम और पीएमल-एन के चुने गए उम्मीदवारों के जरिए पूरी हो रही है।

उधर, पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पीटीआई ने उमर अयूब खान को पीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। वो पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह रह चुके जनरल अयूब खान के पौत्र हैं। पहले उमर अयूब खान पीएमएल में थे और 2013 में आम चुनाव हार गए थे। फिर 2018 में वो इमरान खान के साथ जुड़ गए। मजे की बात ये है कि इमरान खान जब पाकिस्तान की सत्ता में थे, तो उन्होंने अपनी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप अमेरिका पर लगाया था, लेकिन अब उनकी पार्टी चुनावों में धांधली के खिलाफ अमेरिका से आवाज उठाने की मांग करती दिख रही है। पीटीआई के नेता असद कैसर ने इमरान खान का संदेश पढ़ते हुए कहा कि अमेरिका को अगर लगता है कि वो बड़ा लोकतांत्रिक देश है और पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, तो उसे इस बारे में आवाज उठानी चाहिए।