
मॉस्को। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की रूस से युद्ध विराम समझौता करने पर राजी हो गए हैं, लेकिन ये मसला आसानी से हल होता नहीं दिख रहा। वजह बने हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध रोकने के लिए दो अहम शर्तें रख दी हैं। ऐसा फिलहाल नहीं लग रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जिन शर्तों को रखा है, उन पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की मान जाएंगे। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो युद्ध विराम प्रस्ताव तैयार कराया है, वो खटाई में पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध विराम के लिए बड़ी शर्तें रखी हैं। पुतिन ने पहली शर्त ये रखी है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं दी जाएगी। दूसरी अहम शर्त पुतिन ने ये रखी है कि रूस ने यूक्रेन के जिन चार इलाकों पर कब्जा जमाया है, उनको अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी जाएगी। रूस की तरफ से नाटो और अमेरिका के सामने पहले भी यही शर्तें रखी गई थीं। अब पुतिन ने रूस की ये दोनों शर्त दोहरा दी है। जबकि, जेलेंस्की लगातार कहते रहे हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाए। साथ ही रूस के कब्जे वाले इलाकों को यूक्रेन को वापस किए जाने की भी बात जेलेंस्की ने कई बार कही। ऐसे में पुतिन की दोनों शर्तों को अगर जेलेंस्की नहीं मानते, तो तीन साल से जारी रूस और यूक्रेन की जंग खत्म होने के आसार कम ही हैं।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनके विशेष दूत रूस जाकर अपने समकक्ष से बात करेंगे। ट्रंप ने ये भी कहा था कि वो पुतिन को मनाने के लिए इस हफ्ते खुद फोन पर बात भी करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने ये चेतावनी भी दी थी कि अगर यूक्रेन से युद्ध विराम पर रूस ने समझौता नहीं किया, तो अमेरिका पुतिन के देश को आर्थिक तौर पर बर्बाद करने का सामर्थ्य रखता है। ऐसे में पुतिन की तरफ से रखी गई दोनों शर्तों के बाद ये देखना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अगला कदम क्या होता है।