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Rahul Gandhi: अमेरिकी धरती पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार की जमकर की तारीफ, मामला जानकर खुश हो जाएंगे आप

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, भारत एक बड़ा देश है और इसके संबंध हमेशा बड़ी संख्या में देशों के रहे और आगे भी रहने वाले हैं। हमारे कुछ देशों के साथ बेहतर संबंध होंगे, अन्य देशों के साथ संबंध विकसित होंगे। यह संतुलन है, लेकिन यह कहना कि भारत के संबंध इस समूह के लोगों के साथ नहीं होंगे, भारत के लिए ऐसा करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि भारत इतना छोटा और आत्मनिर्भर देश नहीं है कि यह सिर्फ एक साथ के साथ संबंधों को बेहतर बनाए रखे और दूसरे देशों के प्रति अपेक्षित भावना रखे। हमें सभी देशों के साथ अच्छे संबंधों की दरकार है।

नई दिल्ली। इस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां पर उनका मोदी सरकार के विरोध में एजेंडा लगातार जारी है। लेकिन इस बीच राहुल गांधी ने मोदी सरकार की बुराइयों के बीच अचानक तारीफ करना भी शुरू कर दिया है। कैसे, बताएंगे आपको विस्तार से, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के ऊपर विपक्ष को प्रताड़ित करने, और सरकारी संस्थाओं को कमजोर करने जैसे आरोप लगाए थे। लेकिन अब एक मुद्दे पर आखिरकार वो भारत सरकार के स्टैंड के साथ खड़े हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं इस पूरे मुद्दे पर उन्होंने केंद्र सरकार की जमकर तारीफ भी की। ये मुद्दा है भारत का रूस और यूक्रेन युद्ध में स्टैंड, जिसको राहुल गांधी ने एकदम सही करार दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब भारत सरकार के इस स्टैंड की तारीफ के उस समय वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक संवाद कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक सवाल पर राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि वह इस मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ हैं। इसके साथ ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, रूस के साथ हमारे हमेशा से बेहतर संबंध हैं। रूस पर हमारी कुछ निर्भरताएं (रक्षा) भी एक लंबे समय से रही हैं, इसलिए मेरा रुख भारत सरकार का जैसा ही है, क्योंकि हमारे लिए सबसे पहले हमारे हित हैं, उसके बाद कुछ और आता है।

गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, भारत एक बड़ा देश है और इसके संबंध हमेशा बड़ी संख्या में देशों के रहे और आगे भी रहने वाले हैं। हमारे कुछ देशों के साथ बेहतर संबंध होंगे, अन्य देशों के साथ संबंध विकसित होंगे। यह संतुलन है, लेकिन यह कहना कि भारत के संबंध इस समूह के लोगों के साथ नहीं होंगे, भारत के लिए ऐसा करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि भारत इतना छोटा और आत्मनिर्भर देश नहीं है कि यह सिर्फ एक साथ के साथ संबंधों को बेहतर बनाए रखे और दूसरे देशों के प्रति अपेक्षित भावना रखे। हमें सभी देशों के साथ अच्छे संबंधों की दरकार है।