इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जो हंगामा, बवाल,आगजनी,हिंसा,गोलीबारी, पत्थरबाजी, तोड़फोड़ की घटनाएं घटीं उन्होंने बीते कुछ ही दिनों में पाकिस्तान को अंदर से खोखला साबित कर दिया है। यानि शेर की खाल जिस सियार ने ओढ़ रखी थी, वो दहाड़ तो नहीं सकता। पाकिस्तान भारत का विरोध करता रह गया वो खुद ही अब सिविल वॉर की आग में जल रहा है। इस बीच खबर ये आ रही है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान की रिहाई के विरोध में पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल (PDM) पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता सुप्रीम कोर्ट के बाहर पालती मारकर धरने पर अड़ गए हैं। लेकिन अब सबसे बड़ी गाज तो पाकिस्तान के उस चीफ जस्टिस पर गिरने वाली है जिसने इमरान खान को पाकिस्तानी आर्मी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अपने विवेक से और निष्पक्ष फैसले से रिहाई का आदेश दिया। पाकिस्तान के उन्ही मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को हटाने का बंदोबस्त करने के प्रयास करने में पाकिस्तान की सरकार जुटी है।
जानकारी के लिए आपको ये भी बता दें, वैसे तो इनके बारे में ज्यादा बात करना जरूरी नहीं है लेकिन फिर भी बता दें, PDM यानि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट कई दलों को मिलकर बना हुआ एक संगठन है। जैसे भारत में अपने यहां NDA और UPA होते हैं। कुछ वैसे ही ये कांसेप्ट पाकिस्तान में है। इस संगठन में सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUIF) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई पार्टियां शामिल बताई जाती हैं।
ये सभी 13 पार्टियां ही मिलकर पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के फैसले का विरोध कर रही हैं। इसी के चलते बौखलाई पाकिस्तानी मौजूदा सरकार ने अपने ही न्यायाधीश के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है, खबर है कि चीफ जस्टिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का निर्णय कर लिया है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इस प्रस्ताव को लाया गया है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ संदर्भ तैयार करने और फाइल करने के लिए पांच सदस्यीय समिति के गठन की मांग की गई है। उधर, सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरना देने वालों में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भतीजी मरियम शरीफ भी शामिल हैं। इनके अलावा जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फ़ज़ल (JUI-F) के कार्यकर्ता और समर्थकों सहित कई प्रदर्शन करने वाले लोग राजधानी में डटे हुए हैं।