Pakistan IMF : बदहाल पाकिस्तान के लिए आज की रात बेहद मुश्किल, जानिए आज कैसे होगा पाक के भाग्य का फैसला?

Pakistan IMF : अगर पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तें पूरी नहीं करता है, तो उसे 1.18 अरब अमेरिकी डॉलर की नौवीं किश्त बतौर लोन नहीं मिल सकता है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की खटिया खड़ी हो सकती है। वह संप्रभु डिफॉल्टर घोषित हो सकता है और पूरी दुनिया में एक एक पैसे के लिए मदद मांग सकता है।

Avatar Written by: February 9, 2023 4:26 pm
shehbaz sharif and imf

नई दिल्ली। आर्थिक कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान दुनिया भर के सामने मदद के लिए गुहार लगा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी कोई भी देश पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार नहीं हो रहा है। एक तुर्की ही पाकिस्तान के साथ हमेशा खड़ा हुआ दिखाई देता था लेकिन जब से सीरिया और तुर्की के बीच भूकंप आया है तब से तुर्की भी पाकिस्तान से दूरी बनाने लगा है। इधर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कर्ज लेना उतना ही आवश्यक हो गया है, जितना कि देश के नागरिकों को बिजली-पानी देना। लेकिन खास बात यह है कि IMF से मिलने वाला अतिरिक्त बेलआउट पैकेज भी बिजली की कीमत पर ही मिलना है। यानी जब तक पाकिस्तान बिजली टैरिफ में इजाफे का वादा नहीं करता, तब तक आईएमएफ पाकिस्तान को वित्तीय रिलीफ नहीं दे सकता है।

imf building
लिहाजा पाकिस्तान के लिए आज (9 फरवरी) परीक्षा की रात है क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अनुरोध पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की टीम आज भर ही बातचीत के लिए पाकिस्तान में रहेगी। पिछले 31 जनवरी को शुरू हुई मिशन वार्ता 9 फरवरी तक इस्लामाबाद में तय है। सूत्रों के अनुसार, आईएमएफ बिजली की कीमतों में लगभग 50% वृद्धि की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान सरकार बिजली कीमतों को 20% से 33% तक ही बढ़ाना चाहती है। इस मुद्दे पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। जब तक इस पर सहमति नहीं बनती, IMF लोन देने पर कड़क रुख बनाए हुए है।

वहीं दूसरी तरफ आपको जानकारी के लिए बता दें कि IMF के कड़े रुख के बाद प्रधान मंत्री आवास में आयोजित एक बैठक में सैद्धांतिक रूप से यह निर्णय लेना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक बेस टैरिफ में औसतन 7.74 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन ऊपरी खपत स्लैब के लिए बढ़ोत्तरी बहुत अधिक होगी। वहीं आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक, अगर आईएमएफ पाकिस्तान सरकार के प्रस्तावों से सहमत हुआ तो मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए आज ही वित्त मंत्री इशाक डार और आईएमएफ मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के बीच एक बैठक हो सकती है। अगर पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तें पूरी नहीं करता है, तो उसे 1.18 अरब अमेरिकी डॉलर की नौवीं किश्त बतौर लोन नहीं मिल सकता है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की खटिया खड़ी हो सकती है। वह संप्रभु डिफॉल्टर घोषित हो सकता है और पूरी दुनिया में एक एक पैसे के लिए मदद मांग सकता है।