
न्यूयॉर्क। यूक्रेन और रूस की जंग रोकने के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पास कराए गए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरफ से अलग-अलग प्रस्ताव लाए गए थे। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका प्रस्ताव लाया था। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तावों पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य फ्रांस और ब्रिटेन समेत 5 देशों ने वोट नहीं दिया। सभी प्रस्तावों में कहा गया था कि यूक्रेन में युद्ध तुरंत बंद हो। इससे अब लग रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग रुक सकती है।
UN Security Council adopts resolution calling for swift end to Russia-Ukraine conflict
•The UN Security Council adopted a US-drafted resolution appealing for a swift end to the conflict and urging a lasting peace between Russia and Ukraine, as the world marked the third… pic.twitter.com/PMlDRPhh7A
— IANS (@ians_india) February 25, 2025
प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले अमेरिका पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि अगले कुछ हफ्ते में रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम हो सकता है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन से जंग रोकने की डील के लिए सहमत हैं। ट्रंप ने कहा कि युद्धविराम के बाद यूक्रेन में यूरोपीय देशों की शांति सेना तैनात की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि अगर यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाए और अमेरिका उसकी सुरक्षा का भरोसा दे, तो वो राष्ट्रपति पद तक छोड़ने के लिए तैयार हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ये भी कहा था कि युद्ध रोकने के लिए पहले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध बंदियों की अदला-बदली होनी चाहिए।
सोमवार को हुआ ये सारा मसला इसलिए भी अहम है, क्योंकि ये रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग की तीसरी बरसी भी थी। रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। रूस का कहना है कि युद्ध तभी रुकेगा, जब यूक्रेन ये गारंटी दे कि वो नाटो में शामिल नहीं होगा। रूस को इस तरह की गारंटी देने से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की लगातार इनकार करते रहे हैं। वहीं, साल 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया को कब्जे में करने वाले रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन के करीब 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है। दोनों एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से हमले पर हमले करते रहते हैं।