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Hypocricy: भारत को दे रहे खरीदारी न करने की नसीहत, लेकिन खुद रूस से ज्यादा कच्चा तेल खरीद रहे अमेरिका और यूरोप के देश

रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन को सैन्य मदद दे रहा जर्मनी, रूस से कच्चा तेल खरीदने में नंबर एक पर है। लिस्ट में दूसरे नंबर पर इटली, तीसरे पर चीन, चौथे पर नीदरलैंड, पांचवें पर तुर्की, छठे पर फ्रांस, सातवें पर बेल्जियम, आठवें पर स्पेन, नौवें पर दक्षिण कोरिया और दसवें नंबर पर पोलैंड है।

वॉशिंगटन। अमेरिका और यूरोपीय देशों का दोगलापन सामने आ गया है। यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका अपने दूतों को भारत भेजकर नसीहत देता रहा कि वो रूस से कच्चा तेल न खरीदे। यूरोपीय देशों ने भी ऐसे ही बयान दिए, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि अमेरिका ने इस दौरान रूस से भारत के मुकाबले ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है। अमेरिका इस मायने में भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि उसने यूरोपीय देशों से भी कहा है कि वे रूस से कच्चा तेल या प्राकृतिक गैस की खरीद बंद कर दें। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर CREA नाम के थिंक टैंक की रिपोर्ट ने अमेरिका और यूरोप के देशों की पोल खोल दी है।

PM Modi and Putin

सीआरईए की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत ने अपने पुराने दोस्त मुल्क से जितना कच्चा तेल खरीदा, उससे कहीं ज्यादा कच्चा तेल अमेरिका ने रूस से खरीदा है। रूस से कच्चे तेल के आयात की लिस्ट में भारत 20वें नंबर और अमेरिका 18वें नंबर पर है। ये रिपोर्ट यूरोपीय देशों का कच्चा-चिट्ठा भी खोलती है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन को सैन्य मदद दे रहा जर्मनी, रूस से कच्चा तेल खरीदने में नंबर एक पर है। लिस्ट में दूसरे नंबर पर इटली, तीसरे पर चीन, चौथे पर नीदरलैंड, पांचवें पर तुर्की, छठे पर फ्रांस, सातवें पर बेल्जियम, आठवें पर स्पेन, नौवें पर दक्षिण कोरिया और दसवें नंबर पर पोलैंड है।

crude oil

बता दें कि बीते दिनों दिल्ली में हुए सभी देशों के सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसी ओर सबका ध्यान दिलाया था। उन्होंने बताया था कि कैसे भारत पर दबाव डालने वाले देश खुद रूस से सामान और कच्चा तेल ले रहे हैं। जयशंकर ने इससे पहले साफ कह दिया था कि भारत को अपनी बेहतरी के लिए जो सही लगेगा, वो वही करेगा। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगर भारत को कहीं से सस्ते में कच्चा तेल मिल रहा है, तो भला ये मौका किसी के कहने पर वो क्यों छोड़े।