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US Presidential election: 24 घंटे में हो जाएगा साफ, ट्रंप रहेंगे या जो बाइडेन की होगी ताजपोशी

US Presidential election: अमेरिका (America) में राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) की घड़ी आ गई है। तीन नवंबर (भारतीय समयानुसार 4 नवंबर सुबह 6 बजे) को राष्ट्रपति चुनाव है। सबसे खास बात यह है कि यहां अर्ली वोटिंग, यानी तय तारीख से पहले मेल वोटिंग की व्यवस्था है। इसके जरिए करीब 50 फीसदी मतदान हो चुके हैं।

नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी आ गई है। तीन नवंबर (भारतीय समयानुसार 4 नवंबर सुबह 6 बजे) को राष्ट्रपति चुनाव है। सबसे खास बात यह है कि यहां अर्ली वोटिंग, यानी तय तारीख से पहले मेल वोटिंग की व्यवस्था है। इसके जरिए करीब 50 फीसदी मतदान हो चुके हैं।

trump

मतदान की समय सीमा खत्म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 4 नवंबर की शाम तक यह साफ हो जाएगा कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने रहेंगे या उनकी जगह डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन वॉइट हाउस पहुंचेंगे। इस बार अमेरिकी चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है। खासकर कोरोना के दौर में चुनाव का होगा। अमेरिका में 24 करोड़ मतदाता हैं। जानकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी साइलेंट वोटर ही किंगमेंटर होंगे।

zoey biden

पहली बार अमेरिका में ऐसा होगा जो न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। दरअसल, अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की इस चुनाव में अहमियत बढ़ी है। पहली बार किसी भारतवंशी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।

पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानी 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी। हालांकि, नतीजों के अनुमान वोटिंग खत्म होते ही मिल जाएगा। इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है। पेन्सिलवेनिया, मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं।

donald trump & joe biden

कोरोनावायरस यह अमेरिका चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया। अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। बाइडेन ट्रंप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी नीतियों से महामारी बढ़ी है।

चीन को लेकर दोनों उम्मीदवार ट्रंप और बाइडेन सख्त रवैया दिखा रहे हैं। ट्रंप कह रहे हैं कि कोरोना महामारी फैलाने के लिए बीजिंग जिम्मेदार है।

donald trump & joe biden

नस्लीय भेदभाव: मई महीने में पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी। अश्वेत आंदोलन की आग दहक उठी। दोनों नेताओं ने लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।

वायु प्रदूषण को लेकर ट्रंप भारत को घेर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि भारत, चीन और रूस की हवा बेहद गंदी है।

ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा का हवाला देकर वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। बाइडेन ने नियमों को आसान करने का वादा किया है।