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China Vs US: चीन में जारी प्रदर्शनों को अमेरिका ने दिया समर्थन, दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब होने के आसार

ताइवान के मसले पर चीन और अमेरिका में जबरदस्त टकराव है। इस टकराव के बीच जी-20 देशों की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात और अलग से बैठक भी हुई थी। जिसमें चीन और अमेरिका के दोनों नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए थे। अब चीन में हो रहे प्रदर्शनों को समर्थन देकर अमेरिका ने नया मोर्चा खोला है। इससे हालात गंभीर हो सकते हैं।

वॉशिंगटन। चीन में कड़े कोविड नियमों के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरी है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों को अमेरिका ने समर्थन दिया है। इससे चीन के साथ उसके पहले से खराब रिश्ते और खटास भरे होने के आसार हैं। अमेरिका ने चीन में जारी विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए कहा कि चीन की शून्य कोविड नीति कारगर नहीं रहेगी। चीन के लिए इस वायरस को नियंत्रित करना काफी मुश्किल होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि हम दुनिया के किसी भी देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। बता दें कि चीन में किसी इमारत या इलाके में कोविड वायरस मिलने पर उसे पूरी तरह सील किया जाता है। इससे लोग परेशान हैं और इसी नीति के खिलाफ सड़कों पर जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से जुड़े जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका की नजर चीन में हो रहे प्रदर्शनों पर है। हम घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने फिलहाल किसी तरह की मदद की पेशकश चीन को नहीं की है। किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने दुनिया को सबसे ज्यादा टीकों की आपूर्ति की है। हमें चीन से कोविड के टीके भेजे जाने का कोई अनुरोध नहीं मिला है। किर्बी ने कहा कि दुनियाभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए हमारा संदेश साफ है। ये संदेश है कि लोगों को विरोध करने का हक है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन से समस्या का हल निकल सकता है।

joe biden and xi jinping

बता दें कि ताइवान के मसले पर चीन और अमेरिका में जबरदस्त टकराव है। इस टकराव के बीच जी-20 देशों की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात और अलग से बैठक भी हुई थी। जिसमें चीन और अमेरिका के दोनों नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए थे। अब चीन में हो रहे प्रदर्शनों को समर्थन देकर अमेरिका ने नया मोर्चा खोला है। इससे हालात गंभीर हो सकते हैं।