नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी विवेक रामास्वामी को सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का प्रमुख बनाया है। वैसे राष्ट्रपति चुनाव में विवेक रामास्वामी ने पहले खुद रिपब्लिकन पार्टी के लिए उम्मीदवारी का दावा किया था मगर बाद में उन्होंने अपनी दावेदारी वापस लेते हुए डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर दिया। अमेरिका में फार्मा बिजनेस से जुड़े लोगों में विवेक रामास्वामी का बड़ा नाम है। आइए आपको विवेक रामास्वामी के बारे में कुछ और जानकारियां देते हैं-
विवेक रामास्वामी रोइवेंट साइंसेज नाम से एक फार्मा बायोटेक कंपनी चलाते हैं। इस कंपनी में दवाओं को विकसित किया जाता है। साल 2016 में विवेक रामास्वामी ने जैव प्रौद्योगिकी की सबसे बड़ी फर्म मायोवैंट साइंसेज की भी शुरुआत की थी। इसके अलावा विवेक यूरोवेंट साइंसेज, एंजीवेंट थेराप्यूटिक्स, अल्टावेंट साइंसेज और स्पिरोवैंट साइंसेज जैसी कंपनियों के संस्थापक भी हैं। प्रोस्टेट कैंसर की और महिला बांझपन की दवा बनाने के लिए विवेक रामास्वामी ने टाकेडा फार्मास्युटिकल्स के साथ भी एक समझौता किया है। प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका ने साल 2015 के अपने अंक के कवर पर विवेक रामास्वामी को छापा था। फोर्ब्स के अनुसार, 2014 में 30 साल से कम उम्र वाले सबसे अमीर उद्यमियों में विवेक 30वें स्थान पर थे। वहीं, साल 2016 में विवेक रामास्वामी 40 साल से कम उम्र वाले 24वें सबसे अमीर उद्यमी थे।
भारत में यहां से कनेक्शन
विवेक रामास्वामी का जन्म वैसे तो दक्षिण पश्चिम ओहियो के सिनसिनाटी में हुआ था लेकिन उनकी पारिवारिक जड़े भारत से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता वी.जी. रामास्वामी मूल रूप से केरल के पलक्कड़ के रहने वाले थे। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद विवेक के पिता वी.जी. रामास्वामी, ओहियो के इवेंडेल में जनरल इलेक्ट्रिक प्लांट में काम करने गए थे। विवेक की मां सिनसिनाटी में बतौर मनोचिकित्सक सेवाएं देती थीं। वहीं, विवेक की पत्नी अपूर्वा तिवारी भी भारतवंशी हैं और वो ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में बतौर सर्जन काम कर रही हैं।