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China: शी जिनपिंग की महिलाओं को लेकर सोच बड़ी ही दक़ियानूसी, सामने आई इस रिपोर्ट ने खोल दी कलई !

यह समाज के प्रति उनके रूढ़िवादी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए है ⁠ 2012 में श्री शी के सत्ता संभालने के बाद से देश में लैंगिक समानता लगातार बदतर होती गई है। हालाँकि, वह और उनकी सभी पुरुष मंडली हाल ही में थोड़ी हताश क्यों होने लगी है, यह जानने के लिए हमारे बायो में दिए गए लिंक पर टैप करें।

नई दिल्ली। यूं तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पूरी दुनिया में अपनी दादागीरी के लिए कुख्यात हैं। अपनी नीतियों को लोगों पर जबरन थोपने में जो महारत उन्होंने हासिल की है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। जम्हूरियत का जनाजा निकालने में भी उनका कोई सानी नहीं है। वहीं, मीडिया को भी वो कुल मिलाकर अपने इशारों पर नचा ही लेते हैं, जिसकी वजह से उनकी बेहूदगी से शेष दुनिया नावाकिफ रह जाती है। सनद रहे, 2020 में भारत-चीन सीमा संघर्ष के दौरान किस तरह से जिनपिंग ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर पूरी दुनिया से छुपा कर रखी थी। वो तो शुक्र है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया और अंत में चीन को यह मानने के लिए मजबूर होना पड़ा कि इस संघर्ष में भारत की तुलना में उसके ज्यादा सैनिक मारे गए।

खैर, इस बार मुद्दा कुछ और है। इस बार मुद्दा महिलाओं से जुड़ा है। दरअसल, चीन में हर पांच साल में एक राष्ट्रीय महिला कांग्रेस का आयोजन होता है। कम्युनिस्ट पार्टी की अपनी पाँच-वार्षिक कांग्रेस की तरह, महिलाओं का जमावड़ा एक धूमधाम से भरा मामला है ⁠ कम ही लोग इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं. लेकिन अक्टूबर के अंत में आयोजित इस साल के कार्यक्रम में, शीर्ष अधिकारियों की बयानबाजी में सूक्ष्म परिवर्तन समाज में महिलाओं की भूमिका के बारे में सरकार की सोच में बदलाव की पुष्टि करते प्रतीत हुए।⁠ ⁠ चीन के नेता शी जिनपिंग ने अपने अधिकांश भाषण का उपयोग प्रजनन क्षमता और परिवार के बारे में बात करने के लिए किया। उन्होंने कहा, “हमें सक्रिय रूप से एक नए प्रकार की शादी और बच्चे पैदा करने की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।”

 

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यह समाज के प्रति उनके रूढ़िवादी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए है ⁠ 2012 में श्री शी के सत्ता संभालने के बाद से देश में लैंगिक समानता लगातार बदतर होती गई है। हालाँकि, वह और उनकी सभी पुरुष मंडली हाल ही में थोड़ी हताश क्यों होने लगी है, यह जानने के लिए हमारे बायो में दिए गए लिंक पर टैप करें। कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि शी जिनपिंग के कार्यकाल में हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कम हुई है। बहरहाल, अब इस उक्त रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।