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Diwali 2023: 12 या 13 नवंबर…कब है दिवाली? जानें प्रदोष काल और अमावस्या के सही समय से लेकर शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Diwali 2023: दिक पंचांग के अनुसार दिवाली इस साल 12 नवंबर की दोपहर से शुरू होकर 13 नवंबर की दोपहर तक रहेगी। ऐसे में लोगों के बीच ये भ्रम है कि इस साल दिवाली 12 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी या 13 नवंबर सोमवार को!! इसे सोमवती अमावस्या के रूप में भी देखा जा रहा है।

नई दिल्ली। दिवाली हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। रौशनी के इस महापर्व को अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दिवाली का ये त्योहार आज धनतेरस के दिन से शुरू हो रहा है। वहीं दिवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गणेश और कुबेर महाराज की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी, विष्णु और कुबेर की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। वहीं भगवान गणेश की पूजा करने से रिद्धि सिद्धि मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार दिवाली इस साल 12 नवंबर की दोपहर से शुरू होकर 13 नवंबर की दोपहर तक रहेगी। ऐसे में लोगों के बीच ये भ्रम है कि इस साल दिवाली 12 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी या 13 नवंबर सोमवार को!! इसे सोमवती अमावस्या के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में धार्मिक जानकारों और ज्योतिषों का मानना है कि दिवाली रात का त्योहार है। अमावस्या जब रात में हो तभी पूजा करनी चाहिए। बता दें कि दीपावली पूजन प्रदोष काल में किया जाता है और प्रदोष काल 12 की शाम है। ऐसे में देशभर में दिवाली 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी।


इस दिन है अमावस्या

जैसा कि हमने आपको बताया ज्योतिषों का मानना है कि दिवाली रात का त्योहार है। इसीलिए जिस दिन रात के समय अमावस्या हो, दिवाली की पूजा उसी दिन करनी चाहिए। वैदिक पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट तक अमावस्या है। चूंकि अमावस्या 12 से ही शुरू हो रही है। इसीलिए दिवाली भी 12 नवंबर की रात को ही मनाई जाएगी। बता दें कि दिवाली की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और प्रदोष काल 12 की शाम को ही है।

दिवाली का शुभ मुहूर्त

प्रदोष काल 12 नवंबर की शाम 4 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 14 मिनट तक है। इसके अलावा मेष लग्न शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 44 मिनट तक है तथा शुभ चौघड़िया शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक है। यानी कि दीपावली के पूजन करने का समय शाम 4 बजकर 44 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 22 मिनट तक है। इसमें सबसे शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से शाम 6 बजकर 14 मिनट तक का है।

दीपावली पूजन विधि

दीपावली रौशनी, धन और खुशियों का उत्सव है। इस दिन विशेष रूप से धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लक्ष्मी और गणेश की पूजा से ये मान्यता है कि साल भर धन की अच्छी आवक रहेगी। दिवाली पूजन के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की फोटो या मूर्ति घर लेकर आए और उसे अपनी पूजा वाले स्थान पर रखें, शुभ मुहूर्त में पूजा करें। इसके लिए जल फूल अक्षत माला सिंदूर फूल से पूजन करें। इसके बाद रौशनी का जश्न मनाएं। फुलझड़ी चलाएं। आतिशबाजी करें।

भगवान राम लौटे थे अयोध्या

दीपावली के दिन दीयों की जगमगाहट करने और आतिशबाजी करने के पीछे एक धार्मिक मान्यता ये भी है कि इसी दिन भगवान राम रावण का वध कर 14 वर्षों के वनवास के बाद देवी सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन की ख़ुशी में दीप जलाए गए थे और जश्न मनाया गया था। इसीलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक का त्योहार माना जाता है और इस दिन लोग दीप जलाते हैं, जश्न मनाते हैं।