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Diwali 2022: भोग लगाने के बाद कभी भी वहीं छोड़ कर न चले जाएं प्रसाद, जानिए ये विशेष नियम

Diwali 2022: गलत विधि से पूजा करने से भगवान रूष्ट भी हो सकते हैं, जिससे आपको भारी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए इन नियमों की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। तो आइए आज हम आपको भोग लगाने के कुछ नियमों के बारे में बताते हैं जो आपकी दिवाली की पूजा के समय काफी काम आएंगे…

नई दिल्ली। सनातन धर्म में पूजा-पाठ का बहुत महत्व होता है। हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता हैं, जिनकी पूजा पूरी श्रद्धा भाव से की जाती है, इतना ही नहीं, उनकी अराधना के लिए एक विशेष दिन भी बनाया गया है। लोग उन विशेष दिनों पर उससे संबंधित देवी-देवता की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं। साथ ही उन्हें भोग लगाकर भगवान की आरती भी करते हैं। हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली इसी सप्ताह आने वाला है। इस दिन लोग भगवान को तरह-तरह के व्यंजनों का भोग लगाकर उनकी पूजा करते हैं। दीपोत्सव पर लोग पटाखे छुटाकर हर्षोल्लास से पूरे परिवार के साथ जश्न मनाते हैं। पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार पर हर दिन अलग-अलग देवी-देवता की पूजा की जाती है। लेकिन शास्त्रों में पूजा-अर्चना के कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन करना आवश्यक होता है। इसमें भगवान को तिलक लगाने से लेकर आरती करने तक के नियम शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूजा करते समय इन नियमों का पालन करता है, उससे भगवान प्रसन्न होते हैं। साथ ही उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। लेकिन वहीं, गलत विधि से पूजा करने से भगवान रूष्ट भी हो सकते हैं, जिससे आपको भारी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए इन नियमों की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। तो आइए आज हम आपको भोग लगाने के कुछ नियमों के बारे में बताते हैं जो आपकी दिवाली की पूजा के समय काफी काम आएंगे…

1.किसी भी पूजा में भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद उसी स्थान पर छोड़ देना सही नहीं होता है। इससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।

2.प्रसाद को भूलकर भी जमीन पर न चढ़ाएं।

3.भगवान को भोग लगाते समय उनका प्रसाद हमेशा सोना, चांदी, पीतल की धातु या मिट्टी के पात्र में ही रखना चाहिए। सनातन धर्म में इन्हें काफी पवित्र और शुद्ध माना गया है। इसके अलावा, केले, पान या किसी पवित्र वृक्ष के पत्ते पर भी भोग रखा जा सकता है।

4.भोग लगाने के बाद प्रसाद को भगवान के पास से हटा लेना चाहिए। अन्यथा विश्वक्सेन, चण्डेश्वर, चण्डांशु और चांडाली जैसी नकारात्मक और असुरी शक्तियों का घर में प्रवेश हो सकता है।

5.अधिक से अधिक लोगों में प्रसाद का वितरण करना अच्छा माना जाता है।

6.भगवान को नमक और मिर्च आदि से बना हुआ भोग नहीं चढ़ाना वर्जित माना जाता है।

7.हमेशा बिना लहसुन प्याज का सात्विक भोग ही लगाना चाहिए।

8.पूजा के दौरान फल और मिठाई का ही भोग लगाना ही सबसे शुभ माना जाता है।