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सोमवार को करें महामृत्युंजय मंत्र का जप, भोलेनाथ प्रसन्न होकर बनाएंगे सारे बिगड़े काम

सोमवार को भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा की जाती है। ये दिन उनको समर्पित है। इस दिन बम भोले की पूजा की जाने से वो प्रसन्न होकर भक्तों की मनवांछित इच्छा पूरी करते हैं। इस दिन भोलेनाथ प्रसन्न होकर सारे बिगड़े काम बना देते हैं।

नई दिल्ली। सोमवार को भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा की जाती है। ये दिन उनको समर्पित है। इस दिन बम भोले की पूजा की जाने से वो प्रसन्न होकर भक्तों की मनवांछित इच्छा पूरी करते हैं। इस दिन भोलेनाथ प्रसन्न होकर सारे बिगड़े काम बना देते हैं। मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) का जप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। जिसकी विधि, अर्थ और इससे होने वाले लाभ के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।

महामृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ

इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं। इस पूरे विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

mahamrityunjay mantra 2

क्यों करते हैं इस मंत्र का जाप

भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। जैसे अकाल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में किया जाता है। इसके चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं।

इस मंत्र जप की विधि

इस जप को सवा लाख बार करना चाहिए। वहीं, भोलेनाथ के लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार किया जाता है। सावन माह में इस मंत्र का जाप अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है। वैसे आप यदि अन्य माह में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार ​के दिन से इसका प्रारंभ कराना चाहिए।

mahamrityunjay mantra 1

इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। मंत्र का जाप पूर्ण होने के बाद हवन करन उत्तम माना जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि दोपहर 12 बजे के बाद महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप न करें।